जम्मू , संवाददाता : झिड़ी स्थित बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के धार्मिक स्थल पर लगे वार्षिक मेले में अब तक पांच दिनों में सवा चार लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। रविवार को अवकाश के कारण मेले में रिकॉर्ड भीड़ की संभावना है, जबकि जम्मू सहित आसपास के क्षेत्रों से श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है।
बाबा जित्तो और बुआ काैड़ी के धार्मिक स्थल झिड़ी में वार्षिक मेले में पांच दिन में सवा चार लाख से अधिक श्रद्धालु दरबार में माथा टेक चुके हैं। रविवार को छुट्टी के चलते मेले में लोगों की रिकाॅर्ड भीड़ जुटने की संभावना मेला प्रशासन जता रहा है।
अन्य राज्यों से आए श्रद्धालु अब वापस अपने घर लौटने लगे हैं। हालांकि जम्मू और आसपास के क्षेत्रों से लोग पहुंच रहे हैं। चार नवंबर को मेला शुरू हुआ था। तब से लेकर अब तक मेला देखने वालों के क्रेज में कोई कमी नहीं आई है। जम्मूवासी रोज बाबा जित्तो के चरणों में शीश झुका रहे हैं। बाद में मेले में खरीदारी कर रहे हैं।
शनिवार को भी मेले में लगी दुकानों और स्टाॅलों पर भीड़ रही
शनिवार को भी मेले में लगी दुकानों और स्टाॅलों पर भीड़ रही। दिनभर जम्मू, सांबा, कठुआ, आरएस पुरा और अन्य क्षेत्रों से लोगों का आना-जाना लगा रहा। लोगों ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाकर अपने पूर्वजों की गलतियों के लिए क्षमा याचना की। बाबा जित्तो और बुआ काैड़ी से उनके परिवार पर कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की। कई श्रद्धालु देवस्थान पर जातर लेकर पहुंच रहे हैं।
अफसर बोले – सुविधा व सुरक्षा के कड़े प्रबंध हैं
झिड़ी मेले के छठे दिन यानी रविवार को भीड़ बढ़ने की उम्मीद है। रविवार की छुट्टी होने के कारण जम्मू, कठुआ, सांबा और आसपास के क्षेत्रों से 40 से 50 हजार श्रद्धालुओं के मेले में पहुंचने का अनुमान है। मेले में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन ने कड़े प्रबंध किए हैं।
एसडीएम मढ़ और मेला अफसर पल्लवी मिश्रा ने बताया कि इस साल मेले में कुल 18 से 20 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए पहले से ही व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि छुट्टी के चलते रविवार को अधिक संख्या में लोग आएंगे, इसलिए सुरक्षा और ट्रैफिक जाम को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं।
श्रद्धालुओं की पसंद बनी राजस्थानी क्रॉकरी, यूपी की मूर्तियां केतली, कप-प्लेट, कटोरियां और चम्मच की भी खूब है मांग
झिड़ी तालाब में पवित्र स्नान और बाबा जित्तो के दर्शन के बाद श्रद्धालु सीधे मेले के बाजार में पहुंच रहे हैं। पूजा-पाठ के साथ-साथ घर लौटने का सामान जुटाने का उत्साह भी चरम पर है। राजस्थानी क्राॅकरी और उत्तर प्रदेश के कारीगरों की ओर से बनाई गई मूर्तियां श्रद्धालुओं की पहली पसंद बनीं हुई हैं।
मेले में सजे स्टाॅलों पर रंग-बिरंगे डिजाइन वाली राजस्थानी क्राॅकरी देखते ही बनती है। पंजाब से आई पिंकी देवी ने बताया कि राजस्थान के डिजाइन बहुत आकर्षक हैं। चाय की केतली, कप-प्लेट, ट्रे, अलग-अलग साइज की कटोरियां और चम्मच… सब कुछ इतना सुंदर है कि मन नहीं भरता। वह भी 10 रुपये से शुरू होकर महज 300 रुपये तक मिल रहा है। घर के बाजार से कहीं सस्ती और क्वालिटी शानदार।
शाही स्नान के बाद श्रद्धालु जब मेले में पहुंचते हैं तो साज-शृंगार, पूजा सामग्री से लेकर ये खूबसूरत क्राॅकरी और मूर्तियां हाथों-हाथ बिक रही हैं। मेले का यह रंगीन बाजार श्रद्धा और खरीदारी का अनोखा संगम बन गया है।
