मऊ, संवाददाता : राष्ट्रीय वायरल हेपिटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिला कारागार के बंदियों की दो दिवसीय स्क्रीनिंग शुरू की गई है। स्क्रीनिंग के एचबीएस एजी किटस से हेपेटाइटिस बी और सी की जांच भी की जा रही है। दो दिनों तक चलने वाले स्क्रीनिंग का आयोजन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा नंद कुमार के निर्देशानुसार किया गया।
सीएमओ डा नंदकुमार ने बताया कि स्क्रीनिंग में हेपेटाइटिस बी और सी के पॉजिटिव मिलने वाले बंदियों का समुचित इलाज जिला संयुक्त चिकित्सालय के चिकित्सकों से कराया जाएगा। स्क्रीनिंग कार्य में जिला अस्पताल की टीम लगाई गई है जो जिला जेल के सभी बंदियों की स्क्रीनिंग करेगी।उन्होंने सभी से अपील है कि अपनी स्क्रीनिंग जरूर कराले, अबतक जिला कारागार के 88 बंदियों के रक्त का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया है।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और नोडल डा आर०एन०सिंह ने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमित रक्त द्वारा संक्रमित सुई असुरक्षित यौन संबंध तथा संक्रमित मां के गर्भ से बच्चे को हेपेटाइटिस बी और सी हो सकता है, ऐसे में सभी को इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि वह संक्रमित रक्त, सुई और असुरक्षित यौन संबंध से बचें। डिप्टी सीएमओ डा० वकील अली ने बताया कि वायरल हेपिटाइटिस एक संक्रमण है जो लीवर में सूजन और क्षति का कारण बनता है।