आगरा, अशोक कुमार : विश्व भर में मशहूर आगरा का घरेलू जूता कारोबार 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। जूता बाजार में नोट की जगह पर्ची से बड़ा लेनदेन होता है। पर्ची से कारोबार का हींग की मंडी सबसे बड़ा केंद्र है। बड़े व्यापारी मामूली कमीशन काटकर पर्ची से करोड़ों रुपये का नकद भुगतान कर देते हैं।
बड़े जूता कारोबारी, छोटे व्यापारियों को रकम के बदले पर्ची देते हैं। जिन्हें व्यापारी जरूरत के हिसाब से भुना लेते हैं। इससे एक तरफ व्यापार में नकद धनराशि दिखाई नहीं देती। दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर टैक्स में हेराफेरी होती है। पर्चियों का यह खेल 100 से ज्यादा बड़े जूता व्यापारियों की साख पर चल रहा है। हींग की मंडी से लेकर गली-मुहल्लों तक फैला यह कारोबार एक तरह से उधार और वायदा कारोबार है। हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग को पर्ची कारोबार का किंग कहा जाता है। जूता कारोबारियों के अनुसार पर्ची को भुनाने के बदले 50 पैसा प्रति सैंकड़ा से तीन प्रतिशत तक का ब्याज लिया जाता है।
आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा को बड़े पैमाने पर मिली पर्चियां
आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा को रामनाथ डंग के घर से बड़े पैमाने पर पर्चियां मिली हैं। सूत्रों का कहना है कि पर्चियों में 20 से ज्यादा जूता कारोबारियों के नाम हैं। ऐसे में आयकर विभाग की जांच का दायरा भी बढ़ सकता है। रामनाथ डंग के घर से जब्त की गई धन राशि को लेकर रविवार को शहर के जूता व्यपारियो में अफरा-तफरी का माहौल रहा। आयकर विभाग को मिले साक्ष्यों से पर्ची भुनाने वाले कारोबारियों की गर्दन भी फंस सकती है। आयकर के छापे के बाद कोई भी जूता व्यापारी कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हो रहा।
जूता कारोबार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि पिछले एक माह से चुनाव के कारण पर्चियों का भुगतान नहीं हो रहा था। नकद धनराशि की जब्ती के डर से व्यापारी पर्चियां ही ले रहे थे। चुनाव खत्म होते ही पर्चियों को भुनाया जाने लगा। इस बीच, आयकर विभाग को भनक लग गई। पर्ची से बड़े लेनदेन की शिकायत भी आयकर विभाग तक पहुंच रही थीं।
फंस गया करोड़ों का भुगतान
हरमिलाप ट्रेडर्स के रामनाथ डंग ने जिन व्यापारियों की पर्चियों को भुनाया था उनका भुगतान फंस सकता है। सूत्रों के मुताबिक 50 करोड़ रुपये से अधिक लेनदेन की पर्चियां भुनाई गई थीं। रामनाथ डंग ने कुछ वर्षों में ही जूता कारोबार में बड़ा नाम बना लिया था। 20 वर्ष पहले रामनाथ डंग आटा चक्की चलाते थे। फिर जूता कारोबार में पर्चियों से लेकर ब्याज पर पैसा तक बांटने लगे। रामनाथ के घर से नोटों का जखीरा जब्त होने के बाद करोड़ों रुपये की पर्चियों का भुगतान फंस गया है।