शिमला, संवाददाता : विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर बुधवार को तीन बोगी वाले ट्रेन सेट (सेल्फ प्रोपेल्ट हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट) को ट्रायल के लिए दौड़ाया गया। यह ट्रायल भी पूरी तरह सफल रहा। बुधवार को कोच निर्माता कंपनी और रेलवे बोर्ड की टीम ने शिमला की चढ़ाई में ट्रेन सेट को चलाया और खामियों का पता लगाया गया। कालका से सुबह 8:05 बजे ट्रेन सेट शिमला के लिए रवाना हुआ। करीब सवा दो घंटे में यानी 10:15 बजे यह सोलन से शिमला के लिए निकला। ट्रेनसेट को दो स्टेशनों में कालका की ओर जाने वाली ट्रेनों के चलते रोका भी गया। इसके बाद करीब 1:35 बजे ट्रेन सेट शिमला पहुंच गया।
तीन बोगी वाली ट्रेन में खामियों को दूर करने के लिए लगातार ट्रायल किया जा रहा है। इससे पहले भी तीन ट्रायल हुए हैं। इनमें से दो ट्रायल कालका से धर्मपुर और एक ट्रायल कालका से सोलन तक किया जा चुका है, जोकि पूरी तरह से सफल रहा है। गौर रहे कि नैरो गेज रेल लाइन पर भी मंत्रालय की ओर से कई सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें आरामदायक सफर के लिए ट्रेन सेट को भी जोड़ा जाएगा। इसका ट्रायल बोर्ड की टीम कर रही है। बीते नौ माह में ट्रेन सेट के तीन ट्रायल किए गए। लेकिन टकसाल रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले ही ट्रेन सेट का इंजन गर्म हो जाता था। इसे जांचने और अपग्रेड करने के बाद फिर से ट्रायल शुरू हो गए हैं।
60 यात्री कर पाएंगे सफर
ट्रेन सेट में तीन कोच लगे हैं। एक कोच में 60 यात्री बैठ सकेंगे। इसे ट्रेन सेट को इंजन रहित ट्रेन भी कहते हैं क्योंकि इसमें कोच के अंदर ही इंजन लगे हैं। ट्रेन सेट में सुविधाजनक सीटों के अलावा, एसी, हीटर, एलईडी व डिस्प्ले बोर्ड की सुविधा भी उपलब्ध है। रेल मोटर कार के विकल्प के तौर पर चलाए जाने वाले ट्रेन सेट के तीनों कोच वेस्टिबुल (आपस में जुड़े) हैं। यात्री गाड़ी से उतरे बिना ही एक कोच से दूसरे में जा सकते हैं।
रेलवे बोर्ड की ओर से ट्रेन सेट का बुधवार को कालका से शिमला तक ट्रायल किया गया। यह ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट बनाई जाएगी और आगामी दिनों में भी ट्रेन सेट के ट्रायल किए जाएंगे।-नवीन कुमार, सीनियर डीसीएम, मंडल अंबाला।
नुरपूर से जोगिंद्रनगर रेल इंजन का ट्रायल भी सफल
वहीं, नुरपूर से जोगिंद्रनगर रेल इंजन का ट्रायल भी सफल रहा। अब जल्द यहां ट्रेन शुरू हो सकेगी। ट्रायल के दौरान पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन के रेल इंजन आखिरी रेलवे स्टेशन तक पहुंचा