वाराणसी, संवाददाता : शिव की नगरी काशी सावन के पहले सोमवार को भगवामय हो गई थी। हर चौराहे-तिराहे पर भक्तों का जमावड़ा लगा रहा। कांवड़ियों ने विधि-विधान से काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचकर बाबा का जलाभिषेक किया। शिविरो के माध्यम से शिव भक्तों की सेवा भी की गई। उन्हें नाश्ता और जल-पान की व्यवस्था दी गई। वहीं, रुट डायवर्जन होने के चलते शहर के प्रमुख इलाके जाम की की स्थित बनी रही।
शिविर लगाकर काशी आए शिव भक्तों को चाय-नाश्ते का प्रबंध किया गया। व्रती लोगों के लिए फलाहार की व्यवस्था की गई थी। ललिता घाट से गंगा जल लेकर महिला भक्तों ने भी काशी विश्वनाथ का पूजन-अर्चन किया।
21 लोगों के जलाभिषेक का किया बहिष्कार, जताया विरोध
मंदिर प्रशासन की ओर से 21 लोगों को ही जलाभिषेक के लिए अनुमति दिए जाने का यादव समाज के कुछ लोगों ने विरोध किया। उन्होंने गोदौलिया पर हाथ में तख्ती लेकर पारंपरिक वेशभूषा में विरोध व्यक्त किया ।
विनय यादव ने कहा कि सावन के पहले सोमवार को जलाभिषेक की उनकी 92 सालों की परंपरा रही है। कुछ लोगों ने साजिश करके इसे खत्म करने का प्रयास किया है। हम लोग इसका विरोध करते हैं और जलाभिषेक का भी बहिष्कार करते हैं।