आगरा, विवेक जाटव : उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार को पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता अपनी पत्नी के साथ पहुंचे। संजीव गुप्ता ने कतर की जेल में बिताए 18 महीने के दर्द को साझा किया। बताया कि कतर की जेल में एक वर्ष तक मैंने मौन व्रत रखा था। वहां कोई भी मुझसे बात तक नहीं करता था। एक छोटे से कमरे में जिंदगी ढो रहा था। कोई हाल चाल पूछने वाला नहीं था। यहां वह एक विवाह समारोह में सम्मिलित होने आये थे।
संजीव गुप्ता ने बताया की अगस्त 2022 में बिना कुछ बताए अचानक से कतर की पुलिस ने जेल में डाल दिया। शुरुआत के एक महीने तक पूछताछ चलती रही। मानसिक रूप से परेशान किया। पर, हम घबराते नहीं थे।जानते था कि जब कुछ गलत किया नहीं तो क्यों डरें।
जेल के कमरे में मनोरंजन के लिए सिर्फ एक टीवी लगी थी, जिसमें सिर्फ अरबी भाषा के ही चैनल चलते थे। वहीं से मालूम पड़ा की कतर की एक अदालत ने मेरे जैसे और पूर्व सैनिकों को सजा-ए-मौत का दंड दिया है। उसे सुनकर सात दिन तक मैं सदमे की हालत में रहा। कुछ भी समझ में नहीं आया कि आखिर ऐसा मैंने क्या किया।
इस दौरान फौज में खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखने की मिली ट्रेनिंग काम आई। मैंने अपना आत्मविश्वास जगाया। कतर की जेल से मुझे रिहा कराने में मोदी सरकार और भारत के राजदूत विपुल जी का पूरा सहयोग रहा। मैं सत्यवान था या नहीं मुझे नहीं पता पर, मेरी पत्नी रेखा ने सावित्री की तरह मेरे प्राण यमराज से छीने हैं।
कतर से घर आते ही सबसे पहले पिता ने पेठा खिलाया
पूर्व कमांडर संजीव कहते हैं कि घर आते ही सबसे पहले पिता आरपी गुप्ता ने आगरा का पेठा खिलाया। उसी के साथ मेरा स्वागत किया। इतने वक्त के बाद पहली बार में आगरा किसी विवाह समारोह में सम्मिलित होने आया हूं।
तिरुपति बालाजी के करेंगे दर्शन
पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता की पत्नी रेखा गुप्ता ने कहा कि तिरुपति बालाजी को वह बेहद मानती हैं और बचपन से वहां जाती रहीं है। कतर में पति को मृत्युदंड की सजा सुनाने के बाद मन्नत मांगी थी कि पति की रिहाई के बाद वह आंध्र प्रदेश तिरुपति बालाजी दर्शन को जाएंगे। आगरा से विवाह समारोह के बाद हम दोनों तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए रवाना होंगे।
कतर की नेवी को ट्रेनिंग देने गए थे पूर्व कमांडर संजीव
संजीव ने बताया कि वह नौसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत होने के बाद नोएडा में थे। वहीं उनके पास 2018 में कतर की नेवी अफसरों को ट्रेनिंग देने का ऑफर आया था। अल दहरा कंपनी की तरफ से हम वहां पर उनको ट्रेनिंग देते थे। कतर में पत्नी और छोटी बेटी मेरे साथ थी। जुलाई 2022 में मैं पत्नी और बेटी को नोएडा छोड़कर गया। अगस्त में मुझे जेल में डाल दिया गया।