तिरुवनंतपुरम, ब्यूरो : Kerala Local Body Election : केरल में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर कर दिया है। हम आपको बता दें कि केरल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा एक बड़ी राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए केरल के मतदाताओं का आभार जताया है।
भाजपा के मत प्रतिशत और सीटों में वृद्धि
वैसे स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे अभी भी यही दर्शा रहे हैं कि मुख्य मुकाबला सत्तारुढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच है लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को राज्य के विभिन्न इलाकों में मिली बढ़त ने राज्य की राजनीति को त्रिकोणीय बना दिया है। राज्य में भाजपा के मत प्रतिशत और सीटों में वृद्धि से खुश केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने विश्वास जताया है कि विधानसभा चुनावों में एनडीए चमत्कार करके दिखाएगा। बाइट।
केरल के स्थानीय निकाय चुनावों में विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने शानदार प्रदर्शन किया है और सत्तारुढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को कई पारंपरिक गढ़ों में नुकसान उठाना पड़ा है। इन चुनावों को 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले एक “राजनीतिक थर्मामीटर” के रूप में देखा जा रहा था। नतीजों से साफ है कि सत्ता-विरोधी माहौल और शहरी मतदाताओं की बदली प्राथमिकताओं ने एलडीएफ की पकड़ को कमजोर किया है।
विपक्षी यूडीएफ ने छह में से चार नगर निगमों में जीत हासिल की और 2020 में जिन शहरी क्षेत्रों पर वाम मोर्चे का दबदबा था, उनमें से कई को वापस अपने पाले में ले लिया है। कोल्लम, कोच्चि, त्रिशूर और कन्नूर जैसे नगर निगम यूडीएफ के खाते में चले गए। ये सभी शहर लंबे समय से वामपंथी राजनीति के मजबूत गढ़ माने जाते रहे हैं। वहीं एलडीएफ के लिए राहत की बात यह रही कि कोझिकोड नगर निगम पर उसका कब्जा बरकरार रहा, जो अब उसका एकमात्र निगम गढ़ बचा है।
