ऋषिकेश,संवाददाता : ग्रामीणों ने धान की फसल को सूखे से बचाने के लिए खाले का पानी नहर तक पहुंचाकर सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को आइना दिखाया है। पिछले दिनों हुई बारिश में नहर का हेड बह गया था। जिसके बाद से नहर में पानी की आपूर्ति बंद हो गई थी। सिंचाई विभाग की ओर से हेड की मरम्मत नहीं कराए जाने पर ग्रामीणों ने जनरेटर की मदद से खाले का पानी नहर तक पहुंचाकर सिंचाई की जा रही है। जनरेटर चलाने का खर्च अधिक आ रहा है।
बीते दिनों कालूवाला क्षेत्र में तेज बारिश से सौंग नदी उफान पर रही थी। नदी के बहाव से सिंचाई विभाग के जौलीग्रांट वाली नहर का हेड बह गया था। किसानों को धान की फसल की सिंचाई के लिए पानी मिलना बंद हो गया। फसल को सूखे से बचाने के लिए कालूवाला के ग्राम प्रधान और किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बातचीत की। अधिकारियों ने बताया कि नहर के हेड की मरम्मत में वक्त लग सकता है।
धान की सिंचाई के लिए किसानों ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया। जंगल के बीच से बहने वाले एक खाले के पानी को नहर तक पहुंचाने की कोशिश की गई। दर्जनों किसानों ने जनरेटर की मदद से खाले के पानी को नहर तक पहुंचा दिया। जिससे नहर में पानी बहने लगा और किसानों के खेतों तक मिलना शुरू हो गया। ग्राम प्रधान पंकज रावत ने कहा कि नहर से कालूवाला, बडोवाला और जौलीग्रांट के सैकड़ों किसान जुड़े हैं। जनरेटर से पानी नहर तक छोड़ा जा रहा है, लेकिन जनरेटर चलाने के लिए डीजल काफी महंगा पड़ रहा है।