नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के प्रकरण में पाकिस्तान की पोल खुल गई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया। इसमें रक्षा मंत्रालय के वकील ख्वाजा हारिस अहमद ने बताया कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपील दाखिल करने का अधिकार नहीं दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने सिर्फ राजनयिक पहुंच देने की बात कही थी।
वकीलों ने किया जाधव का जिक्र
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक संवैधानिक पीठ के सामने वकीलों ने दावा किया कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपील दाखिल करने का अधिकार दिया गया है। मगर यह सुविधा उन पाकिस्तानी नागरिकों को नहीं दी गई, जिन्हें 9 मई 2023 को हुई हिंसा प्रकरण में सैन्य अदालत ने दोषी ठहराया है।
इसके जवाब में पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल किया कि कुलभूषण जाधव को सिर्फ कांसुलर पहुंच दी गई है। उन्हें अपील दाखिल करने का अधिकार नहीं दिया गया है।
अपील के अधिकार पर चल रहा विमर्श
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान 9 मई की घटना के दोषियों को उच्च न्यायालय में अपील करने के अधिकार के प्रकरण पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्हें कुछ दिनों का वक्त चाहिए।
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की थी हिंसा
9 मई 2023 को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में पूरे पाकिस्तान में हिंसा भड़क गई थी। लोगों ने सैन्य ठिकानों पर हमला कर दिया था। पाकिस्तान की सरकार 9 मई को काला दिवस कहती है। हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सैन्य अदालत में मामला चलाया गया था।
कुलभूषण जाधव को किया गया था अगवा
पाकिस्तान ने वर्ष 2016 में दावा किया कि कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया। मगर भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया र्और कहा कि सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना के अधिकारी जाधव को ईरान के चाबहार बंदरगाह से अगवा किया गया था। कुलभूषण वहां व्यवसाय के उद्देश से गए थे।
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से पाकिस्तान को लग चुका झटका
बाद में भारत ने कुलभूषण मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में अपील दाखिल की। 2019 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया और कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने और उनकी दोषसिद्ध पर पुरर्विचार करने तक मौत की सजा पर रोक लगा दी। मगर पाकिस्तान ने अदालत के फैसले को लागू नहीं किया। बाद में अदालत ने भी माना कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच देने से इनकार करके वियना कन्वेंशन का उल्लंघन किया है।