नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की कमान संभालने के बाद लगातार कई बड़े और कड़े फैसले लिए। सबसे पहले यूएसए के राष्ट्रपति ने देश से अवैध अप्रवासियों को निकालने की योजना बनाई।
हाल के दिनों में लाखों की संख्या में विभिन्न देशों के लोगों को अमेरिका से उनके देश वापस भेजा गया। ये लोग अवैध तरीके से अमेरिका की सीमा में प्रवेश किए थे।
माना जा रहा है कि अभी भी लाखों की संख्या में अमेरिका में अवैध अप्रवासी हैं, जिन्हें राष्ट्रपति ट्रंप देश से निकालना चाहते हैं, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका के आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन को इस साल 2 बिलियन डॉलर की फंडिंग की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आव्रजन नीति के कारण एजेंसी के खर्च में भारी वृद्धि हुई है। एक्सियोस ने हाल के दिनों में इस मामले से परिचित दो लोगों का हवाला देते हुए ये रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में पता चलता है कि हाल के सालों में ICE को बजट की कमी से जूझना पड़ा है।
वहीं, स्थिति और बिगड़ गई जब, एजेंसी ने राष्ट्रपति ट्रंप के लाखों अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने के आदेश को पूरा करने लगी। राष्ट्रपति के आदेश को पूरा करने के लिए व्यापक स्तर पर संसाधनों की आवश्यकता है। इन आवश्यकताओं में स्टाफ की संख्या में बढ़ोत्तरी, अतिरिक्त हिरासत सुविधाओं और इन लोगों के निर्वासन के लिए अधिक से अधिक परिवहन की व्यवस्था शामिल है।
क्या कहती है रिपोर्ट ?
जानकारी के अनुसार एक्सियोस की रिपोर्ट में कहा गया कि कांग्रेस ने अस्थायी व्यय विधेयक के अंतर्गत अतिरिक्त 500 मिलियन डॉलर की मंजूरी दी है। हालांकि, इस मंजूरी को लेकर वर्तमान में सीनेट में बहस चल रही है। वहीं, ध्यान देने वाली बात है कि ये पैसा केवल एजेंसी द्वारा सितंबर के अंत तक अपने वर्तमान परिचालन को बनाए रखने के लिए आवश्यक राशि का केवल एक हिस्सा है।
पूरी लागत के बारे में भी जानिए
अमेरिकी राष्ट्रपति के आव्रजन दमन की लागत आपको चौंका सकती है, जिसमें प्रशासन की योजनाएं शामिल हैं। सैकड़ों अतिरिक्त प्रवर्तन कर्मियों की नियुक्ति। ICE की हिरासत क्षमता को दोगुना से भी अधिक बढ़ाकर 100,000 बिस्तर किया गया।निर्वासन उड़ानों के उपयोग का विस्तार किया गया, जिससे अधिक बोझ बढ़ा।
बता दें कि कांग्रेस के सामने वर्तमान वित्त पोषण विधेयक में इस खर्च को अभी शामिल नहीं किया गया है। जिसका सीधा अर्थ है कि आने वाले दिनों में ICE को वह अतिरिक्त वित्त पोषण प्राप्त होने की संभावना नहीं है जिसकी वह मांग कर रहा है।