लखनऊ, डॉ.जितेद्र बाजपेयी : इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लगे शिल्प समागम मेले में दिन प्रदि दिन लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। लखनऊवासी इस मेले में अलग-अलग राज्यों के लगभग 100 स्टाल्स उत्पाद खरीदते नजर आ रहे हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अनुसूचित जाति विकास निगम, पिछड़ा वर्ग विकास निगम और राष्ट्रीय सफाई कर्मी विकास निगम के माध्यम से आयोजित ये मेला पीएम मोदी के ‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक जीवंत उदाहरण है।
मंत्रालय इन निगमों के माध्यम से लाभार्थियों को कम दर के ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराकर उन्हे जहां एक तरफ कौशल विकास कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है तो वही दूसरी तरफ उनके उत्पादों को इस प्रकार के मेले के माध्यम से विपणन का केंद्र के साथ बिक्री के लिए बड़ा मंच प्रदान कर ‘लोकल फार लोकल’ की वकालत कर रहा है। साथ ही एक राज्य के लाभार्थियों को अपने उत्पाद दूसरे राज्यों में जाकर बेचने का सुअवसर प्रदान कर रहा है।
मेले में बेंत और बांस, हस्तशिल्प, हथकरघा, मधुबनी पेंटिंग्स, कशीदाकारी कपड़े, ड्रेस मैटेरियल शॉल, स्टोल जैकेट, ऑर्गेनिक हनी, अचार, चाय, आरी वर्क, सोजनी वर्क, लकड़ी के खिलौने, अगरबत्ती, स्क्रूपिन, जल जलकुंभी उत्पाद और चमड़े के उत्पाद प्रमुख हैं। मेले में जगह-जगह लगी सेल्फी प्लाइंट्स लोगों का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। साथ ही मेले में देश भर के स्वादिष्ट व्यंजन का स्वाद लिया जा सकता है। बच्चों के मनोरंजन के लिए कई प्रकार के नि:शुल्क झूले और प्रतिदिन शाम को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 7 से 15 अक्टूबर तक चलने वाले इस मेले में प्रवेश नि:शुल्क है।