लखनऊ,संवाददाता : लखनऊ मेल में नकदी-जेवर समेत 40 लाख की चोरी का मुख्य आरोपी पुनीत गंगवार अच्छे परिवार से ताल्लुक रखता है। वह नोएडा में 25 हजार रुपये महीने का फ्लैट किराये पर लेकर रहता है। उसके पिता पूरन लाल सेना के सूबेदार पद से रिटायर्ड हैं। पुनीत की बड़ी बहन डॉक्टर (एमबीबीएस) हैं और बरेली के एक प्राइवेट अस्पताल में कार्य कर रही है।
बीकॉम करने के बाद पुनीत ने कुछ दिन लखनऊ की एक कंपनी में नौकरी की थी। नौकरी छोड़ने के बाद वह नोएडा शिफ्ट हो गया। लखनऊ मेल में चोरी के दौरान 24 जुलाई को पुनीत गाजियाबाद स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था।
सर्विलांस सेल ने मोबाइल नंबर ट्रेस किया तो पता लगा कि वह लखनऊ मेल से बरेली तक आया और चोरी करने के बाद वापस गाजियाबाद चला गया। जनवरी से लेकर 24 जुलाई तक उसका मोबाइल दिल्ली, पानीपत, हरियाणा, बरेली, लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर आदि स्थानों पर ट्रेस किया गया। वह लगातार ट्रेनों में सफर कर रहा था।
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि फरवरी 2020 में उसने कानपुर में राजधानी एक्सप्रेस के एसी कोच से मुजफ्फरपुर (बिहार) के सांसद अजय निषाद के 2.50 लाख रुपये चोरी किए थे। पकड़े जाने के बाद रुपये बरामद हुए और उसे जेल भी जाना पड़ा था। उसके खिलाफ ट्रेनों में चोरी के 18 मामले दर्ज हैं। उसका साथी धीरज चोरी का माल ठिकाने लगाता था। उसके खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं। दोनों मिलकर सिर्फ ट्रेनों के एसी कोचों को ही निशाना बनाते थे।
भोजीपुरा का सर्राफ खरीदता था चोरी का माल
भोजीपुरा का फिरोज नाम का सर्राफ व्यापारी चोरी का माल खरीदता था। सोने-चांदी के माल को वह गला देता था। दोनों आरोपियों से पूछताछ के आधार पर जीआरपी ने सराफा व्यापारी फिरोज की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी, लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। इंस्पेक्टर जीआरपी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपी सराफ की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य घटनाओं का खुलासा होने की उम्मीद है।
आपको ज्ञात हो कि लखनऊ मेल के एसी-फर्स्ट कोच से नकदी-जेवर समेत 40 लाख रुपये की चोरी के प्रकरण के दो आरोपियों को अरेस्ट कर जीआरपी ने इस प्रकरण का खुलासा कर दिया है। दोनों की निशानदेही पर 1.05 लाख रुपये नकद, जेबर, मोबाइल फोन समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। आरोपियों ने ट्रेनों में चोरी की कई अन्य वारदातों को अंजाम देने की बात भी स्वीकार की है।