गाजियाबाद, संवाददाता : गाजियाबाद के मुरादनगर में यूएमआईटी कॉलेज की चेयरपर्सन डॉ. सुधा सिंह की संपत्ति हड़पने के लिए बड़ी साजिश रची गई। इसके लिए उनके मंदबुद्धि बेटे से प्रीति ने शादी रचाई। सुधा सिंह की बेटी आकांक्षा की शिकायत पर पुलिस ने जब जांच किया तो पूरे गिरोह का खुलासा कर दिया ।
अमीरजादों की संपत्ति हड़पने के लिए शातिर युवती ने 10 शादियां कर डालीं। इस बार उसके निशाने पर गाजियाबाद में यूआईटी कॉलेज की चेयरपर्सन सुधा सिंह की 200 करोड़ की संपत्ति थी, पर गिरोह के मास्टरमाइंड सचिन की गिरफ्तारी से साजिश विफल हो गई।
एसीपी नरेंद्र कुमार ने बताया कि गाजियाबाद के मसूरी के नूरपुर गांव का निवासी हिस्ट्रीशीटर सचिन इस जालसाजी का मास्टरमाइंड है। उसके गिरोह में नूरपुर की निवासी उसकी बहन प्रवेश, रोहतक की प्रीति और दिल्ली की हरीदास कॉलोनी की नीलम शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद सचिन ने खुलासा किया कि वह ऐसे रईसजादों की तलाश में रहता था, जिनकी किसी वजह से शादी नहीं हो रही हो।
पुलिस से सत्यापन कराएं
डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल का कहना है कि घरेलू सहायक या सहायिका अथवा कार्यालय में कोई सहायक रखने से पहले उसका पुलिस से सत्यापन अवश्य कराया जाना चाहिए। इसके लिए पुलिस के एप यूपीकॉप पर ऑनलाइन फॉर्म भरा जा सकता है। पुलिस से दफ्तर से भी फॉर्म लिया जा सकता है। इसे भरकर जमा कराना होता है।
ऐसे घरों में प्रीति को पहले सहायिका बनाकर रखवा देता है। फिर रिश्तेदार बनकर खुद भी पहुंच जाता है। इसके बाद नीलम प्रीति की मौसी बनकर जाती थी। इस तरह वह प्रीति की शादी कराता और संपत्ति हड़प लेता।
संपत्ति हड़पने के लिए की थी तैयारी
इसी तरह गाजियाबाद के मुरादनगर में यूएमआईटी कॉलेज की चेयरपर्सन डॉ. सुधा सिंह की संपत्ति हड़पने के लिए बड़ी साजिश रची गई। सचिन और उसके गिरोह को मालूम था कि सुधा सिंह को गंभीर बीमारी है और वह ज्यादा दिन जीवित नहीं रहेंगी।
एसीपी नरेंद्र कुमार ने बताया कि गाजियाबाद के मसूरी के नूरपुर गांव का निवासी हिस्ट्रीशीटर सचिन इस जालसाजी का मास्टरमाइंड है। उसके गिरोह में नूरपुर की निवासी उसकी बहन प्रवेश, रोहतक की प्रीति और दिल्ली की हरीदास कॉलोनी की नीलम शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद सचिन ने खुलासा किया कि वह ऐसे रईसजादों की तलाश में रहता था, जिनकी किसी वजह से शादी नहीं हो रही हो।
ऐसे घरों में प्रीति को पहले सहायिका बनाकर रखवा देता है। फिर रिश्तेदार बनकर खुद भी पहुंच जाता है। इसके बाद नीलम प्रीति की मौसी बनकर जाती थी। इस तरह वह प्रीति की शादी कराता और संपत्ति हड़प लेता।
संपत्ति हड़पने के लिए कर रखी थी तैयारी
इसी तरह गाजियाबाद के मुरादनगर में यूएमआईटी कॉलेज की चेयरपर्सन डॉ. सुधा सिंह की संपत्ति हड़पने के लिए बड़ी साजिश रची गई। सचिन और उसके गिरोह को मालूम था कि सुधा सिंह को गंभीर बीमारी है और वह ज्यादा दिन जीवित नहीं रहेंगी।
सुधा सिंह को नहीं बताया गया कि माला डालकर फोटो खिंचवाए गए हैं। उनके बेटे से बार-बार यह कहा जा रहा था कि उसकी शादी प्रीति से हो गई है। सचिन ने इसकी भी तैयारी कर ली थी कि आधार कार्ड, पैन कार्ड में प्रीति का नाम सुधा सिंह के बेटे की पत्नी के रूप में दर्ज कराना है ताकिउचित समय आने पर 200 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा किया जा सके।
सुधा सिंह की मृत्यु के बाद उनकी बड़ी बेटी डॉ. आकांक्षा सात अगस्त को घर आईं। इसके बाद उन्हें प्रीति ने शादी की फोटो दिखाई। वह मुरादनगर गंगनहर के पास बने कॉलेज परिसर में ही रहती हैं। सुधा सिंह के गाजियाबाद में दो कॉलेज हैं। इसमें एक कॉलेज मुरादनगर गंगनहर पर 30 बीघे से ज्यादा जमीन पर है।
जबकि, दूसरा कॉलेज और कॉम्प्लेक्स मोदीनगर कस्बे की प्राइम लोकेशन राज चौपला के पास है। कुल संपत्ति करीब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा बैठती है। डॉ. आकांक्षा सिंह ने शातिरों से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की भी मांग की है। उन्होंने तहरीर में एक गनर घर की सुरक्षा और एक गनर उनकी सुरक्षा में तैनात करने की मांग की है।