प्रयागराज , संवाददाता : माफिया अतीक अहमद के बेटे अली को नैनी सेंट्रल जेल से हटाकर झांसी जिला कारागार में शिफ्ट कर दिया गया है। बुधवार तड़के उसे कड़ी सुरक्षा के बीच झांसी ले जाया गया। अचानक जेल ट्रांसफर से अली अहमद दहशत में रहा। उसको हत्या का भय सता रहा है।
नैनी सेंट्रल जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की जेल बदल दी गई। बुधवार तड़के उसे कड़ी सुरक्षा के बीच झांसी जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया। करीब 450 किलोमीटर दूर झांसी जेल ले जाते समय रास्ते में उसे पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। झांसी पहुंचने के बाद माफिया के बेटे ने पत्रकारों से कहा कि उसे अब न सताया जाए। उसने सीएम योगी से गुहार लगाई। कहा कि जो हो गया सो हो गया अब उसको बख्श दिया जाए। जेल में उसे कड़ी यातना दी जा रही है।
अली अहमद को दूसरे जेल में भेजने की चार महीने से चल रही थी कवायद
अली अहमद को दूसरे जेल में भेजने की कवायद चार महीने से चल रही थी। डीआईजी जेल के निरीक्षण में उसके बैरक से नकदी मिलने के बाद से जेल बदलने की कवायद शुरू हो गई थी। उसे किस जेल में रखा जाए इस पर काफी दिनों से मंथन चल रहा था। अंतत: झांसी जेल में उसे रखने का निर्णय लिया गया। भोर में फरमान आने के बाद उसे तत्काल झांसी के लिए रवाना कर दिया गया। पुलिस कस्टडी में अतीक और अशरफ की हत्या के बाद अली को भी हत्या का भय सता रहा है।
झांसी में ही 13 अप्रैल 2023 को एक मुठभेड़ में एसटीएफ टीम ने उसके भाई असद अहमद और शूटर गुलाम को मार गिराया था। दोनों के ऊपर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। नैनी से रवाना होकर अली अहमद बुधवार दोपहर ढाई बजे झांसी जेल पहुंचा। जेल के बाहर बड़ी संख्या में पत्रकार पहुंच गए। उसने पत्रकारों से कहा कि उसे परेशान किया जा रहा है। उसने सीएम योगी से अपील करते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री जी अब और न सताया जाए, जो हो गया वो हो गया। उसे अन्यथा सताया जा रहा है, उससे बचा लें।
फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप
अली अहमद ने कहा कि वो दिल्ली में कानून की पढ़ाई कर रहा था लेकिन उसे फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल में डाल दिया गया। जेल में रहते हुए उस पर आठ मुकदमे दर्ज कर लिए गए हैं। उसने झांसी जेल में अपनी हत्या की आशंका भी जाहिर की। आरोप लगाया कि नैनी जेल में भी उसे परेशान किया जाता था, वो किसी से बात नहीं कर सकता था, उसे बिल्कुल अकेला रखा गया था। अब उसे परेशान करने के लिए 400-500 किमी दूर झांसी लाया गया है। रास्ते में मुझे पानी तक नहीं पीने दिया गया।
तीन साल नैनी जेल में रहा अली अहमद
अली अहमद ने 30 जुलाई 2022 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद से ही वो प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद था। अली पर आरोप है कि उसने प्रॉपर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से 5 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। इसके अलावा उस पर उमेश पाल हत्याकांड की साज़िश रचने का भी आरोप है। नैनी सेंट्रल जेल में जून 2025 में अली अहमद की बैरक से 1100 रुपये नगद मिले थे। ये मामला सामने आने के बाद एक डिप्टी जेलर और ओर हेड वार्डन को सस्पेंड भी कर दिया गया था और उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया था। उसने महानिदेशक कारागार से भी दूसरे कैदियों के साथ रहने की इच्छा जाहिर की थी। साथ ही जेल में सुविधाएं न होने की शिकायत की थी।