नई दिल्ली,ऑनलाइन डेस्क : नए संसद भवन के विशेष सत्र में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण बिल पर चर्चा का दौर जारी है। मोदी सरकार द्वारा लाए गए इस बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम रखा गया है। उधर विपक्षी दल इस बिल को लाने का श्रेय लेने के होड़ में लग गए हैं। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि राजीव गांधी द्वारा इस बिल को लाया गया था। महिला आरक्षण बिल को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बोलना शुरू कर दिया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने महिला आरक्षण बिल पर सदन में चर्चा करते हुए कहा कि इस बिल के सदन में प्रस्तुत होने पर कुछ लोग यह कह रहे थे कि यहे हमारा बिल है। उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सदन में आज इस बिल को लेकर जो बात कही मैं उसका आभार वंदन करती हूं। उन्होंने कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर प्रविधान नहीं है। देश के संविधान को छिन्न-भिन्न करना कांग्रेस पार्टी की पुरानी आदत रही है।
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि हम हमेशा से मांग कर रहे हैं कि पिछड़ा वर्ग महिला तथा अल्पसंख्यक महिला को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में शामिल किया जाना चाहिए। इस बिल में उनको आरक्षण दिया जाए। संसद के लोकसभा और देश की विधानसभाओं में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा। लेकिन क्या यह राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होगा? हाल में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और आगे आने वाले लोकसभा चुनाव में यह बिल लागू सकेगा या नहीं? डिंपल यादव ने यह भी कहा कि इसको लेकर जनगणना कब होगी और परिसीमन कब किया जाएगा।