महिला जज ने भेजा इस्तीफा, कहा – न्यायपालिका ने मुझे निराश किया

mahila-judge-isteefa

जबलपुर, संवाददाता : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में कार्यरत महिला सिविल जज अदिति शर्मा ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अपना त्यागपत्र भेजा है। उन्होंने इस्तीफे में इस बात पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया है कि जिस व्यक्ति पर उन्होंने उत्पीड़न और कदाचार का आरोप लगाया था, उसे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त कर दिया गया है।

अदिति शर्मा ने लिखी ये बात
अदिति शर्मा ने लिखा है कि वह न्यायिक सेवा से इस्तीफा दे रही हैं, यह दर्शाते हुए कि संस्थान ने उन्हें विफल किया है। उन्होंने एक वरिष्ठ न्यायाधीश के खिलाफ बोलने का साहस किया, जिसने वर्षों तक उनका उत्पीड़न किया। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि कम से कम उनकी शिकायत की सुनवाई होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने उनके दुख की साजिश रची, उसकी जांच नहीं की गई, बल्कि उसे पुरस्कृत किया गया। अदिति ने आरोप लगाया कि उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजी तथ्यों के बावजूद कोई जांच नहीं हुई और न ही उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया।

न्यायपालिका ने उन्हें निराश किया है

उनका उद्देश्य बदला लेना नहीं, बल्कि न्याय की मांग करना था। वह न्यायपालिका की चुप्पी के शिकार के रूप में विदा ले रही हैं। वह इस संस्था को बिना किसी पदक और उत्सव के छोड़ रही हैं, केवल इस कड़वे सच के साथ कि न्यायपालिका ने उन्हें निराश किया है।

गौरतलब है कि तत्कालीन जिला जज पर आरोप लगाए जाने के बाद शासन ने अदिति समेत छह जजों को प्रदर्शन संतोषजनक न होने के आरोप में बर्खास्त कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने अदिति शर्मा की बर्खास्तगी को मनमाना बताया था
एक अगस्त 2024 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ ने चार न्यायिक अधिकारियों ज्योति वरकड़े, सोनाक्षी जोशी, प्रिया शर्मा और रचना अतुलकर जोशी को कुछ शर्तों के साथ बहाल करने का निर्णय लिया, जबकि अदिति और सरिता चौधरी को इस प्रक्रिया से बाहर रखा।

हालांकि, 28 फरवरी 2025 को शीर्ष अदालत ने अदिति शर्मा की बर्खास्तगी को मनमाना और अवैध करार दिया और उन्हें बहाल कर दिया।

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World