साहिबगंज,संवाददाता : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की एसडीएम ज्योति मौर्या की कहानी इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं कि इस बीच झारखंड के साहिबगंज से भी एक ऐसा ही प्रकरण सामने आया है। यहां के एक व्यक्ति ने दावा किया है कि उसने काफी परेशानी से अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखाकर उसे नर्स बनाया। अब उसकी पत्नी उसके साथ रहना ही नहीं चाहती है।
वर्ष 2009 में हुआ कन्हाई और कल्पना का विवाह
पीड़ित शख्स की पहचान कन्हाई लाल पंडित के रूप में हुई है। वह बांंझी बाजार का रहने वाला है। साल 2009 में उसकी शादी साहिबगंज के बोरियाे थाना क्षेत्र के तहत आने वाले गांव तेलो बथान की रहने वाली कल्पना कुमारी से हुई। शादी के बाद सबकुछ ठीक था। दोनों का एक दस साल का बेटा भी है, जिसका नाम हेमंत पंडित है।
मजदूरी कर पत्नी की पढ़ाई का उठाया खर्च
कन्हाई बोले है कि कल्पना पढ़ना चाहती थी, लेकिन मेरे पास इतने रूपये नहीं थे कि वह अपनी पत्नी कल्पना को पढ़ा सके। पत्नी के पढ़ने की जिद के चलते पति और मेहनत कर रूपये इकट्ठा करने पर सहमत हो गया।
कन्हाई मजदूरी कर अपने परिवार का खर्च चलाते हुए पत्नी को पढ़ाया-लिखाया। पत्नी की पढ़ाई की खातिर कन्हाई ने बोरिया में मकान बनाया और वहीं शिबू सोरेन जनजातीय विद्यालय में कल्पना का दाखिला करवाया। इसके बाद टाटा जमशेपुर में एक नर्सिंग कॉलेज में वैकेंसी निकली, तो कल्पना ने यहींं से एएनएम की पढ़ाई करने की बात कही।