नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : मणिपुर में इसी साल 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। राज्य के तत्कालीन सीएम एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा था।
ध्यान देने वाली बात है कि राष्ट्रपति शासन राज्य में केवल छः महीने के लिए ही लगाया जा सकता है। मणिपुर में भी राष्ट्रपति शासन की अवधि 31 अगस्त को पूरी होने जा रही थी। इससे पहले ही राज्य में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन छः महीने के लिए विस्तारित कर दिया गया है।
मणिपुर में मैतई और कुकी संघर्ष में 260 से अधिक लोगों की मौत
गौरतलब है कि मणिपुर में मई 2023 में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा फैल गई। इस संघर्ष में अभी तक 260 लोगों की जान जा चुकी है। इसके अलावा 1000 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगहों पर शिफ्ट होना पड़ा।
इस जातीय हिंसा पर काबू पाने की कोशिशें की जा रही थीं। इसी बीच इसी साल फरवरी में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इसी साल फरवरी में इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार ने राज्य में विधानसभा को भंग कर दिया और राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।