Lucknow : मायावती ने की विशाल रैली

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लखनऊ, डॉ.जितेंद्र बाजपेयी : हाथ में तख्ती, नीला गमछा, बहुजन का झंडा और चारों तरफ से जय भीम, जय कांशीराम और जय मायावती के नारे…। यह गूंज थी राजधानी में 86 एकड़ में बने भव्य मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल की। 32 दिनों की तैयारी के बाद बृहस्पतिवार सुबह 9:19 बजे बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती का आगमन हुआ। मान्यवर कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करने के बाद मायावती जनसभा पंडाल की तरफ बढ़ीं। प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए कुछ कदम आगे बढ़कर पांच लाख जनसैलाब का अभिवादन करने के बाद 66 मिनट तक समर्थकों को संबोधित किया।

मायावती को सुनने के लिए बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के साथ ही प्रदेश भर से लाखों की संख्या में समर्थक पहुंचे थे। अपने संबोधन में बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के समर्थकों का मनोबल बढ़ाया। साथ ही आगामी 2027 विधानसभा चुनाव में पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने का दावा भी किया। उन्होंने कांशीराम की नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे आकाश आनंद पर भरोसा जताने की भी बात की। समर्थकों ने मायावती के आदेश और अपील को बूथ स्तर पर मजबूत करने की बात कही।

मायावती की बात को सुनने के लिए रैली में पहुंचे पार्टी के पांच लाख समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया। इससे पहले 2016 में मायावती के कार्यक्रम में करीब 3.5 लाख समर्थक जुटे थे। मंच से बोलते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यह भीड़ भाड़े की भीड़ नहीं है, बल्कि अपने खून-पसीने से कमाए पैसे से यहां तक पहुंची है।

सपा पर किया सीधा हमला 

बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर बृहस्पतिवार को कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सरकार रहने पर समाजवादी पार्टी को पीडीए और कांशीराम याद नहीं आते हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से सवाल किया कि कांशीराम का इतना सम्मान है तो कासगंज जिले का नाम क्यों बदला था। सपा पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाकर कहा कि उसने कांशीराम के नाम के स्थलों के नाम और योजनाएं खत्म कर दी थी। उन्होंने समर्थकों से सपा के इस दोहरे चरित्र से सावधान रहने की अपील की।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने संबोधन में सबसे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि महापुरुषों के नाम पर बने स्थलों के टिकट की धनराशि का इस्तेमाल उनके रखरखाव के लिए करने के अनुरोध को उन्होंने स्वीकारा, जिसकी वह आभारी हैं। सपा सरकार में इन स्थलों की दुर्दशा हो गई थी। कई वर्षों से कांशीराम स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का कार्यक्रम नहीं हो सका।

वहीं कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार में रहने पर मुझे आयकर और सीबीआई की जांच में फंसाने की कोशिश की ताकि डॉ. अंबेडकर और कांशीराम के कारवां को रोका जा सके। वहीं वर्तमान केंद्र सरकार पर टैक्स के पैसों से लोगों को थोड़ा राशन देकर गुलाम बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सभी जातिवादी विपक्षी दल अंदरखाने साजिश कर बसपा को सत्ता में आने से रोक रहे हैं, इसलिए अपनी पार्टी को मजबूत कर केंद्र और राज्यों की सत्ता में लाना है। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार आने पर सपा और भाजपा सरकार के कानूनों, नियमों और आदेशों की समीक्षा कर बदला जाएगा।

ईवीएम में की धांधली

मायावती ने आरोप लगाया कि बसपा को रोकने के लिए विपक्षी दलों ने अपने वोट ट्रांसफर किए। ईवीएम में धांधली की। यह सिस्टम आगे खत्म हो सकता है। वहीं आजाद समाज पार्टी का नाम लिए बिना इशारे में कहा कि दलित वोट बैंक को बांटने के लिए स्वार्थी व बिकाऊ लोगों की पार्टी व संगठन बनाकर अपने फायदे के लिए प्रत्याशी खड़े किए जा रहे हैं। एकाध को जितवा भी देते हैं। दोस्ती या रिश्ते में पड़कर अपना वोट बर्बाद नहीं करना है।

‘आई लव’ की राजनीति नहीं हो

उन्होंने कहा कि शरारती तत्व एक दूसरे के धर्म और देवी-देवताओं पर टिप्पणी कर बवाल कराना चाहते हैं। इससे केंद्र व राज्य की सरकारों को सतर्क रहना होगा। सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए। इसकी आड़ में ‘आई लव’ आदि की राजनीति नहीं होनी चाहिए। वहीं पहलगाम की घटना पर कहा कि पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध कर इसे रोका जा सकता है। अमेरिकी टैरिफ को लेकर भी केंद्र सरकार को सतर्क रहना होगा। देश को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद हवा-हवाई नहीं होनी चाहिए।किसी से छिपकर नहीं मिलतीवहीं सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के बसपा में शामिल होने की अफवाहों पर कहा कि मैं किसी से छिपकर नहीं, खुलेआम मिलती हूं। दूसरे दलों के नेता ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं। ऐसा 2017 में भी हुआ था, लेकिन पार्टी के लोग गुमराह नहीं हुए थे।

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