नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ शुरुआत से ही ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई है। उरी और पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई की है।
बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में ‘विकसित भारत@2047’ विषय पर आयोजित चर्चा में भाग लेते हुए आतंकी हमलों के खिलाफ भारत की कार्रवाई पर चर्चा किया।
जयशंकर ने 26/11 और पुलवामा अटैक पर जवाबी कार्रवाई की तुलना की
एस जयशंकर ने उरी और पुलवामा आतंकी हमलों पर भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि जो लोग इन हमलों के जिम्मेदार हैं उन्हें ‘स्पष्ट संदेश’ दे दिया गया है कि वे अब सुरक्षित नहीं हैं, भले ही वो सीमा पार कर गए हों।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए विदेश मंत्री ने कांग्रेस शासन में हुए आतंकी हमले 26/11 और उरी व पुलवामा हमले की तुलना की। एस जयशंकर ने कहा कि 26/11 के समय हमारा जवाब और उरी व पुलवामा हमले के बाद हमारा जवाब देखें तो चीजें साफ हो जाएगी। आज भी सशस्त्र बल वही है, नौकरशाही भी वही है, खुफिया जानकारी भी वही है।
भारत ने जिन लोगों को मैसेज भेजा, उन लोगो को मिल गया होगा : विदेश मंत्री
वहीं, विदेश मंत्री ने कहा कि उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत की प्रतिक्रिया देखें तो भारत ने ‘स्पष्ट और सीधा मैसेज’ भेजा और जिन लोगों को यह संदेश दिया गया था उम्मीद है कि उन्हें ये मैसेज मिल गया होगा।
बालाकोट का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अगर आतंकी कुछ भी हरकत करते हैं तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी और यह मत सोचिए कि आपने कुछ किया है और उस तरफ भाग गए कि आप वहां सुरक्षित हैं। आप वहां सुरक्षित नहीं होंगे। आप नियंत्रण रेखा या अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार भी सुरक्षित नहीं बचेंगे। जिन लोगों को वह मैसेज भेजने का इरादा था, उम्मीद है उन्हें ये मैसेज मिल गया होगा।
जबकि 14 फरवरी 2019 को आतंकियों ने पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए। कई अन्य गंभीर रूप से जख्मी थे।