UP : मोस्टवांटेड खनन माफिया हाजी इकबाल के दुबई में छिपने की आशंका, सुप्रीम कोर्ट से एक और मामले में राहत

HAJI-IKBAL

मिर्जापुर,संवाददाता : मोस्टवांटेड खनन माफिया और पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल ने पासपोर्ट ऑफिस में ऑनलाइन आवेदन कर अपना पता बदलने की मांग की तो पुलिस महकमे खलबली मच गई। जांच में सामने आया कि इकबाल ने दुबई से आवेदन किया है। इसलिए स्थानीय पुलिस दूतावास की प्रक्रिया पूरी करने के साथ दुबई में संपर्क साधने की कोशिश कर रही है।

जबकि, मिर्जापुर निवासी खनन माफिया और एक लाख का इनामी आरोपी हाजी इकबाल की गिरफ्तारी को पुलिस की छह टीमें काम कर रही हैं। देशभर में इकबाल के ठिकानों पर पुलिस दबिश दे चुकी हैं, लेकिन उसका कुछ पता नहीं लग पाया है। पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि इकबाल विदेश में है, लेकिन इस पर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। तीन दिन पूर्व ही हाजी इकबाल दुबई के एक कारोबारी के साथ फोटो में दिखाई दिया था। यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इसके अगले दिन इकबाल ने अपने पासपोर्ट का पता बदलने के लिए गाजियाबाद कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन किया था। इसमें वह मिर्जापुर की जगह नया पता गुरुग्राम कराना चाहता है। इस आवेदन का पता चलते ही सहारनपुर पुलिस ने गहनता से जांच शुरू की। इसमें पता चला कि यह आवेदन दुबई से किया है। हालांकि अधिकारी इस पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन पुलिस बेहद बारीकी से मामले की जांच कर रही है। साथ ही पूरे मामले को लेकर शासन को भी अवगत कराया गया है।

पुलिस को चकमा देकर भागा था इकबाल

एक लाख का इनामी इकबाल पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। तमाम प्रयासों के बाद वह हत्थे नहीं चढ़ पा रहा। करीब एक साल पहले वह पुलिस को चकमा देकर विदेश भाग गया था। इकबाल का लुक आउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है।

सुप्रीम कोर्ट से एक और प्रकरण में इकबाल के बेटे को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट से एक और प्रकरण में हाजी इकबाल के पुत्र को राहत मिली है। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने हाजी इकबाल के खिलाफ दर्ज सात मामले खत्म करने के आदेश दिए थे। इस मामले सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की कई संपत्ति के प्रत्यावेदन का निस्तारण एक्ट के प्रोविजन के तहत करने के आदेश दिए हैं।

इकबाल के एडवोकेट इंद्रभान सिंह यादव ने कहा कि हाजी इकबाल के बेटे जावेद की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल किया था , जिसमें कहा गया था कि पुलिस-प्रशासन ने जावेद को नोटिस दिए बिना गैंगस्टर एक्ट के तहत संपत्ति को सील किया था। कस्टडी में होने के बावजूद संपत्ति का अटैचमेंट किया गया और नीलामी भी कराई गई थी, जबकि, एक गैंगस्टर एक्ट की धाराओं का उल्लंघन है।

प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया , जिसमें कहा गया कि प्रशासन को गैंगस्टर एक्ट में कुर्क संपत्ति को नीलाम करने का अधिकार नहीं है। इसके बावजूद भी प्रशासन ने 15 जनवरी 2023 के प्रत्यावेदन की सुनवाई किए बगैर ही बाग की नीलामी कराई, जो गैंगस्टर एक्ट का उल्लंघन है।

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