कानपुर, आलोक कुमार : थाना प्रभारी रोहित तिवारी ने बताया कि कार काकादेव निवासी 15 साल का लड़का चला रहा था। उसके साथ फजलगंज थानाक्षेत्र के दर्शनपुरवा, अफीमकोठी, शांतिनगर के दोस्त भी बैठे थे। कार चला रहा नाबालिग कक्षा और एक अन्य कक्षा नौ के छात्र हैं।
कानपुर में गंगा बैराज पर तेज रफ्तार कार दौड़ा रहे नाबालिग छात्र ने सड़क किनारे लगीं छह दुकानों पर कार चढ़ा दी। मैगी की दुकान में काम करने वाले हमउम्र दो लड़कों को भी टक्कर मार दी। हादसे में एक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर अस्पताल में भर्ती है। गुस्साए ग्रामीणों व दुकानदारों ने कार सवार चारों नाबालिगों को जमकर पीटा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने चारों दोस्तों को हिरासत में लेने के साथ ही कार को भी कब्जे में ले लिया है।
गंगा बैराज पर गुरुवार रात करीब 9:30 बजे एक कार शुक्लागंज उन्नाव से कानपुर की तरफ आ रही थी। गंगा बैराज पर मैगी प्वाइंट के पास कार अचानक बेकाबू हो गई और रामजी कश्यप, पप्पू, आजाद समेत छह लोगों की मैगी की दुकानों को रौंद दिया। इस दौरान नवाबगंज थानाक्षेत्र रामनिहाल पुरवा गांव निवासी रामजी कश्यप की मैगी की दुकान में काम करने वाले इसी गांव के मेवालाल के बेेटे सागर (16) और आशीष घायल हो गये।
15 वर्ष का लड़का चला रहा था कार
सूचना पर नवाबगंज थाना प्रभारी रोहित तिवारी, एसीपी मोहम्मद अकमल दलबल के साथ पहुंचे और चारों लड़कों को भीड़ से छुड़ाकर हिरासत में ले लिया। थाना प्रभारी रोहित तिवारी ने बताया कि कार काकादेव निवासी 15 साल का लड़का चला रहा था। उसके साथ फजलगंज थाना क्षेत्र के दर्शनपुरवा, अफीमकोठी, शांतिनगर के दोस्त भी बैठे थे।
हादसे में सागर और आशीष हैलट में भर्ती
कार चला रहा नाबालिग कक्षा और एक अन्य कक्षा नौ के छात्र हैं। काकादेव के एक स्कूल में पढ़ते है। 17 साल के दो लड़के 11वीं के छात्र हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि हादसे में सागर और आशीष को हैलट ले जाया गया। वहां डॉक्टर ने सागर को मृत घोषित कर दिया। आशीष का इलाज चल रहा है। सागर के परिवार में मजदूरी करने वाले पिता है। मां गुड्डी की 2011 में मौत हो चुकी है।
दोस्त की कार लेकर घूमने निकले
कार चला रहे नौवीं कक्षा के छात्र ने बताया कि विजयनगर काकादेव के शिवाय से कार बहाने से लाया था। फिर तीन दोस्तों के साथ शुक्लागंज उन्नाव की बैराज चौकी क्षेत्र में स्थित डीएस कैफे मौज-मस्ती करने गए थे। वहां से लौटते समय हादसा हो गया।
कार पर सवार चारों लड़कों के घरवालों को नहीं पता था कि उनके बेटे कहां गए हैं। नवाबगंज थाने पहुंचे परिजनों ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे किसी की कार मांगकर यहां आए थे। कार चला रहा छात्र कोचिंग जाने की बात कहकर घर से निकला था। इसके अलावा कोई दोस्त घूमने की बात कहकर निकला था। पुलिस कार मालिक के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
खंती में कार न जाती तो कई और चपेट में आते
छह दुकानों और दो लड़कों को टक्कर मारने के बाद कार की गति नहीं थमी। लोग चिल्लाते रहे और कार दौड़ती रही। अचानक सड़क किनारे खंती में पहिया जाने पर कार रुकी, तो भीड़ दौड़ पड़ी। कार पर सवार लड़के कुछ समझ पाते कि भीड़ ने उन लोगों को कार से खींचकर पीटना शुरू कर दिया।
कार नाबालिग चला रहा था। चालक और उसके साथी नशे में थे या नहीं, इसका पता लगाने के लिए डॉक्टरी परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। कार चला रहे नाबालिग ने बताया है कि अचानक एक टेंपो के सामने आ जाने पर कार बेकाबू हुई थी। इसके बाद ब्रेक फेल होने से कार को वह नहीं रोक सका और हादसा हो गया। -रोहित तिवारी, नवाबगंज इंस्पेक्टर