इंदौर, संवाददाता : नगर निगम में कार्यरत पूर्व ड्रेनेजकर्मी भरत सिंगोलिया से निगम के ही ऑफिस अधीक्षक संजय वेद ने ₹15,000 रिश्वत की मांग किया। संजय वेद ₹7,000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
भरत सिंगोलिया की शिकायत पर लोकायुक्त ने नगर निगम के एक अधिकारी को रिश्वत मांगते रंगेहाथों पकड़ा है। भरत सिंगोलिया ने शिकायत में बताया कि वह लाला रामनगर में रहता है और वर्ष 2008 से जुलाई 2024 तक नगर निगम इंदौर के जोन क्रमांक 11 और 18 में वार्ड क्रमांक 63 के अंतर्गत मस्टर ड्रेनेजकर्मी के रूप में कार्यरत रहा। 18 जुलाई 2024 को नगर निगम के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन के आदेश से भरत सिंगोलिया कार्यमुक्त कर दिया गया था।
पुनः नियुक्ति के आदेश के बाद भी मांगी रिश्वत
भरत सिंगोलिया ने बताया कि दिनांक 13 मई 2025 को उपायुक्त नगर निगम इंदौर द्वारा उन्हें पुनः जोन क्रमांक 18 में ड्रेनेजकर्मी के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी किया गया था। उक्त आदेश लेकर जब भरत सिंगोलिया संबंधित जोन के ऑफिस अधीक्षक संजय वेद से मिलने गए, तो उन्होंने नियुक्ति के बदले ₹20,000 की रिश्वत मांगी। भरत के निवेदन पर वह ₹15,000 में मान गए और उसी दिन ₹5,000 की राशि ले ली। इसके साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि शेष राशि मिलने तक नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाएगा।
लोकायुक्त कार्यालय में की गई शिकायत, सत्यापन में मामला सही पाया गया
भरत सिंगोलिया ने इस रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक इंदौर राजेश सहाय को दी। लोकायुक्त द्वारा शिकायत की जांच व सत्यापन कराया गया, जिसमें मामला सही पाया गया। इसके बाद 21 मई 2025 को ट्रेप दल का गठन कर आरोपी संजय वेद को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई गई।
रंगे हाथ पकड़ा गया आरोपी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई जारी
21 मई को ट्रेप दल ने आवेदक भरत सिंगोलिया को संजय वेद को वर्ल्ड कप चौराहा पुल के नीचे बुलाने के लिए कहा। वहां जैसे ही संजय वेद ने शेष बची ₹7,000 की रिश्वत की राशि ली, उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया। आरोपी पर धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है। इस ट्रेप दल में कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक आनंद चौहान, निरीक्षक राहुल गजभिये, आरक्षक आदित्य सिंह भदौरिया, पवन पटोरिया, आशीष नायडू, कमलेश परिहार, मनीष माथुर, श्रीकृष्ण अहिरवार और चालक शेर सिंह ठाकुर शामिल रहे।