Nepal : अंतरिम पीएम पर गतिरोध बरक़रार, आज फिर होगी चर्चा

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काठमांडू, एजेंसी : सुशासन और सुधार के नारे साथ शुरू हुए जेन-जी आंदोलन में तीन दिन तक सुलगने वाला नेपाल नए राजनीतिक संकट की तरफ बढ़ता दिख रहा है। सेना के साथ बैठक में अंतरिम सरकार पर सहमति के बाद जेन-जी आंदोलन के विभिन्न समूहों में अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर गतिरोध पैदा हो गया है।

युवाओं ने सेना के विरोध में नारेबाजी भी की
अंतरिम सरकार के नेतृत्व को लेकर गुरुवार शाम जेन-जी के दो समूह आपस में भिड़ गए। इससे सेना मुख्यालय के सामने अफरातफरी मच गई। इसके बाद सेना ने मुख्यालय परिसर खाली करा लिया। इस पर युवाओं ने सेना के विरोध में नारेबाजी भी की।

शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री को लेकर फिर चर्चा होगी। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सहित उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्य और शीर्ष नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। इन नेताओं के मोबाइल फोन बंद करा दिए गए हैं। इन नेताओं के दलों से जुड़े अन्य नेताओं ने बताया कि उनका शीर्ष नेताओं से संपर्क टूट गया है।

सुदन गुरुंग का नाम चर्चा में आया

बुधवार सुबह नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन में पहले काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और जेन-जी के संयोजक सुदन गुरुंग का नाम चर्चा में आया था। शाम होते-होते पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने के लिए सहमति की खबरें आने लगीं।

बालेंद्र शाह के समर्थन में एक गुट ने कार्की का विरोध कर दिया, लेकिन शाह की कार्की के समर्थन में फेसबुक पोस्ट के बाद लगा कि गतिरोध खत्म होने वाला है। इसी बीच धरान के मेयर हरक सांगपांग के नाम लेकर कुछ युवाओं ने नारेबाजी कर दी।

सुशीला कार्की की को लेकर असहमति
अंतिम फैसले के लिए गुरुवार का दिन तय किया गया। गुरुवार सुबह राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल के साथ सेना मुख्यालय में आयोजित बैठक में एक गुट ने सुशीला कार्की की उम्र अधिक बताते हुए उनके नाम पर असहमति जता दी।

कुछ और समूहों ने भी संविधान का हवाला देकर कार्की का विरोध किया। संविधान के तहत अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की नियुक्ति किसी राजनीतिक पद पर नहीं हो सकती। इसके बाद कार्की के नाम पर विचार नहीं हुआ।

एक समूह बालेंद्र शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने पर अड़ा था

एक समूह बालेंद्र शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने पर अड़ा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया और चुनाव के जरिये सरकार में आने की इच्छा जताई। इसके बाद तीसरे समूह ने बिजली बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष कुलमान घीसिंग का नाम प्रस्तावित किया।

घीसिंग अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। लेकिन कुछ ने उनके नाम पर असहमति जता दी। इसके बाद वहां उपस्थित दो समूह नेतृत्वकर्ता के नाम पर भिड़ गए। सेना ने तुरंत स्थिति संभाली और मुख्यालय परिसर खाली करा लिया।

सेना ने काठमांडू में तैनाती बढ़ा दी है
इस बीच सूत्रों ने बताया कि सेना ने ओली के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री गण शेरबहादुर देउवा, पुष्प कमल दहल प्रचंड और माधव नेपाल समेत ओली मंत्रिमंडल के सदस्यों और वरिष्ठ नेताओं को सुरक्षा कारणों से अपनी निगरानी में ले लिया है। सेना ने काठमांडू में तैनाती बढ़ा दी है।

संयुक्त राष्ट्र प्रशिक्षण केंद्र यूनिफील्ड की टीम भी तैनात करने के साथ ही लोगों की आवाजाही पर निगरानी शुरू कर दी गई है। काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में निषेधाज्ञा और कफ्र्यू शुक्रवार सुबह छह बजे तक बढ़ा दिया है। सैनिक मुख्यालय ने रात्रि कफ्र्यू में सख्ती का निर्देश दिया है।

संसद भंग हुए बिना अंतरिम सरकार का गठन संभव नहीं

सूत्रों के अनुसार, अंतरिम सरकार के गठन में एक बाधा संसद का भंग नहीं होना है। जब तक राष्ट्रपति संसद भंग नहीं करते, अंतरिम सरकार का गठन नहीं हो सकता। वहीं, राष्ट्रपति संसद भंग करने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने गुरुवार को सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि वह संवैधानिक ढांचे के भीतर ही मौजूदा संकट का समाधान खोज रहे हैं।

‘जेन-जी’ आंदोलन के बाद यह पहली बार है जब उन्होंने देश में मौजूदा उथल-पुथल के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ”मैं कानून-व्यवस्था बनाए रखने और लोकतंत्र की रक्षा करने का हरसंभव प्रयास कर रहा हूं।” सैन्य प्रवक्ता ने भी कहा कि बातचीत जारी है। नेपाल के विभिन्न राजनीतिक दलों का भी कहना है कि शांति बहाली के प्रयास लोकतांत्रिक मर्यादा के अनुरूप और संविधान के दायरे में ही हों।

श्रेय लेने की होड़, हो सकता है संघर्ष
एक विशेषज्ञ ने कहा कि आंदोलन में सामूहिक नेतृत्व के परिणामस्वरूप श्रेय लेने की होड़ मच गई है। अंतरिम सरकार में भागीदारी के लिए समूह में कई हिस्से होना नेपाल के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। इससे संघर्ष की स्थिति बन सकती है। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि विरोध प्रदर्शनों में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। देशभर के अस्पतालों में 1,338 लोग भर्ती हैं।

‘जेन-जी’ प्रतिनिधियों ने की संसद भंग करने की मांग

‘जेन-जी’ प्रतिनिधियों ने गुरुवार को प्रेस से बात की। उन्होंने कहा, ”यह पूरी तरह से नागरिक आंदोलन है, इसलिए इसमें राजनीति करने की कोशिश न करें। हमारे सामने राष्ट्रीय संप्रभुता, एकता की रक्षा और आत्मसम्मान बनाए रखने की चुनौती है।”

साथ ही कहा कि संसद भंग कर देनी चाहिए और लोगों की भावना के अनुसार संविधान में बड़े संशोधन किए जाने चाहिए। उनका संविधान खत्म करने का कोई इरादा नहीं है और न ही देश का नेतृत्व संभालने का इरादा है, वे सिर्फ प्रहरी बने रहना चाहते हैं।

जेल में तीन और कैदियों की मौत, अब तक 15,000 से अधिक फरार
नेपाल में गुरुवार को रामेछाप जिला जेल में कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में तीन कैदियों की मौत हो गई और 13 घायल हो गए। अब तक सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में आठ कैदी मारे गए हैं। इसके अलावा करीब दो दर्जन जेलों से 15,000 से अधिक कैदी फरार हो चुके हैं।

पत्र वायरल होने के बाद सेना प्रमुख का चीन दौरा रद
नेपाल में सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल के चीन दौरे से संबंधित प्रोटोकाल पत्र वायरल हो गया है। उन्हें 12 से 20 सितंबर तक चीन में रहना था। यह दौरा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के 12वें बीजिंग ज्यांगसान फोरम में भाग लेने से संबंधित था। पत्र वायरल होने के कुछ घंटे बाद सेना प्रमुख का चीन दौरा रद होने की खबर आ गई।

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