कानपुर, संवाददाता : मेट्रो निर्माण में तेजी दिखा रहे उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) के अफसर पैचवर्क कराने में बहुत सुस्त हैं। बारादेवी से नौबस्ता के बीच करीब 90 प्रतिशत हिस्से में न केवल बैरिकेडिंग हट चुकी है, बल्कि ग्रीनबेल्ट के लिए दीवारें भी बनने लगी हैं। लेकिन पैचवर्क नहीं कराया जा रहा है।
करीब चार माह से 50 हजार से ज्यादा लोग सड़क पर हिचकोले खाने को मजबूर हैं। यूपीएमआरसी कॉरिडोर-वन के तहत ट्रांसपोर्टनगर के आगे श्याम पैलेस के सामने से नौबस्ता तक सड़कें खोदकर पिलर बनाए गए हैं। ज्यादातर पिलर पर यू-गर्डर भी रखे जा चुके हैं।
बारादेवी, किदवईनगर, नौबस्ता आदि एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों का निर्माण हो रहा है, लेकिन पैचवर्क कराने में लापरवाही बरती जा रही है। यह हाल तब है, जब यूपीएमआरसी ने दावा किया था कि निर्माण के दौरान शहरवासियों को कम से कम दिक्कत हो, इसके लिए वे प्रयासरत रहेंगे।
निर्माण पूर्ण होने के बाद पूरी सड़क बनाई जाएगी
निर्माण स्थल पर धूल नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव, खोदाई व ओवरलोड वाहनों की वजह से खराब हुईं सड़कों पर पैचवर्क आदि कराने की बात कही थी। यूपीएमआरसी का कहना है कि बारादेवी एलिवेटेड स्टेशन तक सड़क बनवा दी गई है। उसके आगे धीरे-धीरे पैचवर्क कराया जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद पूरी सड़क बनाई जाएगी।
ट्रांसपोर्टनगर-बारादेवी रोड भी थी जर्जर
जो हालत बारादेवी से नौबस्ता गल्लामंडी तक की सड़क की है, उससे भी बदतर हालत बारादेवी चौराहे से श्याम पैलेस के सामने तक की सड़क की थी। 10 दिन पहले पेपर ने यह मामला प्रकाशित किया था, इसके बाद सड़क बनाई गई थी।