कराची, आईएएनएस : पाकिस्तान न्यायालय में भी तालिबान की तर्ज पर दंड दिए जाने का एक प्रकरण सामने आया है। सिंध प्रांत में अपनी पूर्व पत्नी पर चरित्रहीन होने का झूठा आरोप लगाने वाले और जन्म लेने वाली बेटी का पिता होने से मना करने वाले व्यक्ति को कराची सत्र न्यायालय ने 80 कोड़े मारने की सजा सुनाई है। महिला की एडवोकेट सायरा बानो बोली कि कई वर्षो बाद पहली बार ऐसी सजा सुनाई गई है।
इस अध्यादेश के तहत सुनाई गई सजा
तानाशाह जनरल जियाउल हक के शासन के बाद पाकिस्तान में ऐसी सजा नहीं सुनाई गई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मलीर शहनाज बोहयो ने आरोपी फरीद कादिर को सजा दी । यह विवादास्पद निर्णय कजफ अपराध (हद का प्रवर्तन) अध्यादेश 1979 की धारा सात (एक) के तहत सुनाया गया। इस धारा में कहा गया है ‘जो कोई भी व्यक्ति कजफ के लिए उत्तरदायी होगा, उसे 80 कोड़े मारने की सजा मिलेगी ।’
अपील कोर्ट से दोषी और सजा की पुष्टि के बाद सत्र न्यायालय ने कोड़े मारने के लिए समय और स्थान निर्धारित करेगी। सजा भुगतने के लिए निर्धारित समय और स्थान पर उपस्थित होने की सहमति देने के बाद फरीद जमानत पर रह सकता है। उसे एक लाख रुपये पाकिस्तानी का जमानती बांड भरने को बोला गया है।