नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : पाकिस्तान में हाल में ही जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया गया था। इस घटना पाकिस्तान सेना के 30 जवानों की जान गई थी। इस घटना को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्म (बीएलए) ने अंजाम दिया था। अपनी मांगों को लेकर बीएलए लगातार पाकिस्तान सरकार पर दबाव बना रहा है।
इस बीच तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने भी पाकिस्तान में मोर्चा खोल दिया है। टीटीपी के सेना के खिलाफ मोर्चा खोलने से सरकार के लिए एक और संकट खड़ा हो गया है। टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना को कैंसर तक कह दिया है।
टीटीपी की सीधी चेतावनी
जब कि टीटीपी ने ऑपरेशन (अल-खंदक) की चेतावनी दी है। आतंकी संगठन का कहना है कि वह इस ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान के सेना को निशाना बनाएगी। टीटीपी सेना के अलावा सुरक्षा एजेंसियों, उनके सहयोगियों और उनके ठिकानों पर भी हमले करेगी।
टीटीपी ने क्या कहा ?
जब कि टीटीपी का कहना है कि पाकिस्तान की सेना पिछले 77 वर्षो से लगातार देश को बर्बाद कर रही है। टीटीपी का कहना है कि इस कारण उसे सबक सिखाना जरूरी है। समूह ने बयान जारी क कहा कि सेना देश के राजनीतिक अस्थिरता राष्ट्रीय खजाने की लूट न्यायपालिका के बर्बाद करने, शिक्षा के विनाश, लोगों की मनमानी गिरफ्तारी और स्वार्थी कानून को थोपने के लिए जिम्मेदार है।
क्या है टीटीपी ?
गौरतलब है कि टीटीपी की गतिविधियां मुख्य रूप से पाकिस्तान- अफगानिस्तान सीमा के पास के क्षेत्रों में केंद्रित है। वर्ष 2007 में टीटीपी प्रकाश में आया था, इसका गठन 13 समूहों को मिलाकर हुआ था। टीटीपी पाकिस्तान सरकार के खिलाफ कई बड़े हमले किए हैं, जिनमें 2014 में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला शामिल है जिसमें 126 बच्चों की मौत हुई थी।