प्रयागराज, संवाददाता : गोरखपुर के रहने वाली प्रियंका साहनी ने पारिवारिक विवाद पर अपनी पति के विरुद्ध भत्ते को लेकर वर्ष 2022 में प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, देवरिया में याचिका दाखिल किया। पति को जानकारी न होने के कारण एक पक्षीय आदेश होंने के बाद धारा 128 सी.आर. पी .सी. के तहत रिकवरी की नोटिस जारी होने पर पति कमलेश निषाद को जानकारी होने पर पति ने एक पक्षीय आदेश व रिकवरी नोटिस को हाइकोर्ट में चुनोती दी।
याची की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने याचिका दाखिल कर मा. न्यायमूर्ति नीरज तिवारी को बहस में बताया कि याची पेशे से घर पर रहकर मजदूरी करता है और माँ बाप से अलग रहने पर राजी न होने के कारण झगड़ा कर घर छोड़कर चली गई जबकि पत्नी ने अपने बयान में परिवार न्यायालय में बताया की पति गोरखपुर में रेलवे में नौकरी कर 50 हजार कमाते है और शाम को ग्रोसरी की दुकान चलाकर अच्छा पैसा कमा रहे है और घर से निकाल दिया, जिस पर मात्र पत्नी के बयानों के आधार पर न्यायालय ने एक पक्षीय आदेश पारित करते हुए पाँच हजार रुपये भत्ता देने का आदेश किया है जो पूरी तरह झूठ पर आधारित है, जबकि याची का यू.पी. भवन एवं निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में मजदूर के रूप में रजिस्ट्रेशन भी है।
