अल्मोड़ा, संवाददाता : बारिश से रानीखेत उप जिला चिकित्सालय खतरे की जद में आ गया है। शुक्रवार को अस्पताल के पास पेड़ गिरने और भूस्खलन के कारण अस्पताल को खाली कर बंद कर दिया गया है। यहां भर्ती 21 रोगियों को उनके तीमारदार निजी अस्पतालों में ले गए हैं। शुक्रवार को रानीखेत उपजिला चिकित्सालय के पास देवदार और बांज के दो पेड़ गिर गए और अस्पताल के पीछे जबर्दस्त भूस्खलन हो गया। इससे अस्पताल भवन को खतरा पैदा हो गया।
सूचना मिलने के बाद संयुक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनंद और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस टीम ने वुडन कटर से पेड़ों को काटा। अस्पताल भवन को खतरा देख रोगियों को यहां से निजी अस्पतालों में शिफ्ट कराकर अस्पताल को सील कर दिया गया है।
ब्लाॅक प्रमुख हीरा रावत ने कहा कि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसके लिए सुरक्षात्मक उपाय जल्द करने होंगे। उन्होंने कहा कि अस्पताल की तीसरी मंजिल के दौरान हुए निर्माण कार्य के दौरान लापरवाही बरते जाने के कारण यह समस्या सामने आई है। प्रबंधन को निर्माण कार्यों के दौरान गुणवत्ता बरतने की जरूरत है।
पांच दुकानें आईं मलबे की जद में
उपजिला अस्पताल के पास पेड़ गिरने और भूस्खलन के बाद अस्पताल से लगी बचन सिंह, राजेंद्र पांडे, मो. इसरार, मनोज कुमार और लक्ष्मण सिंह की दुकानें मलबे की चपेट में आ गई। खतरा देख इन दुकानों को खाली कराया जा रहा है।
रोगियों को रेफर न करने के निर्देश
रानीखेत उप जिला अस्पताल के खतरे की जद में आने के बाद अब अधिकारियों ने भतरौंजखान, भिकियासैंण, द्वाराहाट, चौखुटिया और आसपास के पीएचसी और सीएचसी के चिकित्साधिकारियों को रोगियों को रानीखेत रेफर न करने के निर्देश दिए हैं।
पेड़ गिरने और भूस्खलन के कारण अस्पताल को खतरा पैदा हो गया है। रोगियों को शिफ्ट कर अस्पताल को सील किया गया है। राहत और बचाव के कार्य जारी हैं।
-राहुल आनंद, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत।