पिता के लिए मगरमच्छ से भिड़ गया था नौ वर्ष का वीर, बहादुरी के लिए राष्ट्रपति ने किया सम्मान

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नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : 25 जुलाई को मगरमच्छ ने वीरभान सिंह पर हमला किया था। उनके पैर को जबड़े में जकड़कर चंबल नदी के गहरे पानी में खींच कर ले जा रहा था। उस समय अजय राज ने मगरमच्छ के सिर पर डंडे से तब तक प्रहार किए थे, जब तक उसने वीरभाल का पैर नहीं छोड़ दिया था। इतना ही नहीं अजय राज घायल पिता को सहारा देकर नदी के बाहर तक लाया था। 

यूपी के आगरा स्थित बासौनी के झरनापुरा गांव निवासी नौ साल के अजय राज को उनकी बहादुरी के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। यह देखकर उनके पिता की आंखें गर्व से भर आईं। अजय राज ने 25 जुलाई को मगरमच्छ से अपने पिता वीरभान सिंह की जान बचाई थी।

बेटे की वजह से मिला पिता को जीवनदान

पिता वीरभान सिंह ने बताया कि बेटे की वजह से नया जीवन मिला। उसकी बहादुरी को मिले सम्मान से पूरा परिवार अभिभूत है। समाजसेवी सुखदेव वर्मा वीरभान सिंह और अजय राज को नई दिल्ली लेकर गए थे। उन्होंने बताया कि समाज में अजय राज ने साहस और धैर्य की बड़ी लकीर खींची है। वह बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।

अजय ने यूपी का गर्व से मस्तक ऊंचा किया
समाजसेवी नेत्रपाल वर्मा ने बताया कि अजय राज को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार लेते देखने वाले चंबल के गांवों के लोग अपने बच्चों को उसकी बहादुरी की कहानी सुना रहे हैं। बाह की विधायक पक्षालिका सिंह ने सोशल मीडिया पर अजय राज का पुरस्कार लेते वीडियो शेयर करते हुए कहा कि पिता के प्राणों की रक्षा कर समूची बाह भूमि एवं प्रदेश का अजय राज ने गर्व से मस्तक ऊंचा किया है।

डंडा लेकर मगरमच्छ से भिड़ गया था अजय

25 जुलाई को मगरमच्छ ने वीरभान सिंह पर हमला किया था। उनके पैर को जबड़े में जकड़कर चंबल नदी के गहरे पानी में खींच कर ले जा रहा था। उस समय अजय राज ने मगरमच्छ के सिर पर डंडे से तब तक प्रहार किए थे, जब तक उसने वीरभाल का पैर नहीं छोड़ दिया था। इतना ही नहीं अजय राज घायल पिता को सहारा देकर नदी के बाहर तक लाया था। यह हादसा तब हुआ था जब वह अपने पिता के साथ चंबल के बीहड़ में बकरी चराने गया था। नदी में बकरियां पानी पी रही थीं। वीरभार नदी से पानी भरने लगे तभी मगरमच्छ ने हमला कर दिया था |

प्रधानमंत्री ने थपथपाई पीठ
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की। अजय राज से प्रधानमंत्री ने पूछा कि कौन सी क्लास में पढ़ते हो, अजय राज ने जवाब दिया चौथी क्लास में। उन्होंने कहा कि मन लगाकर पढ़ना। इसके बाद पीएम ने मगरमच्छ के हमले के दौरान पिता की जान बचाने की कहानी पूछी। अजय राज ने बताया कि नदी से पानी भरते समय मगरमच्छ ने पिता पर हमला कर दिया था। उनकी जान बचाने के लिए मगरमच्छ के सिर पर 10-15 लाठी मारी, तब उसने पैर छोड़ा और पापा की जान बच सकी। कहानी सुनकर प्रधानमंत्री ने अजय राज की पीठ थपथपाई। अजय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने चॉकलेट और बिस्कुट खिलाए। यह मुलाकात जिंदगीभर अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

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