Fake Note : पुलिस ने जाली नोट छापने वाले को किया गिरफ्तार

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जबलपुर, संवाददाता : मंडी मदार टेकरी कब्रिस्तान के पास लगभग तीन लाख के रुपये पांच सौ रुपये के जाली नोट को अधारताल में छापा गया था। जहां, यशवंत नगर में किराए के मकान पर जाली नोट का छापाखाना चल रहा था। इसका पता मंगलवार को हनुमानताल पुलिस की जांच में चला।

बता दें कि पुलिस ने सोमवार को घमापुर शुक्ला होटल के पास रहने वाले रवि दाहिया को पांच सौ रुपये के जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपित ने पूछताछ में पहले नरसिंहपुर से जाली नोट लाना बताया। रिमांड में लेकर उससे पूछताछ की गई तो उसने जाली नोट बनाने के छापाखाना का पता उगल दिया। आरोपित की निशानदेही पर मंगलवार को इस छापाखाने की जांच गई। मौके से जाली नोट छापने के आरोपित रितुराज विश्वकर्मा (35) को गिरफ्तार किया गया है।

गोटेगांव का रहने वाला है आरोपी

जाली नोट छापने का आरोपी रितुराज विश्वकर्मा मूलत: नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव के पास ग्राम इमलिया का निवासी है। जाली नोट खपाते हुए पकड़े गए रवि ने पूछताछ में उससे सस्ते मूल्य पर पांच सौ रुपये के जाली नोट लेना स्वीकार कर लिया है। रवि के पास पुलिस को एक बैग में पांच सौ रुपये के नोट के कुल छह बंडल मिले थे। जिसमें कुल 588 नोट थे। इनमें कुछ नोट एक ही सिरीज एवं नंबर के थे। बरामद किए गए नोटों के बीच महात्मा गांधी के चित्र का वाटर मार्क का चिह्न नही था। आरोपी जाली नोटो को कम मूल्य पर दूसरों को देकर उन्हें बाजार में खपत के इरादे से घूम रहा था।

प्रिंटर मिला, जाली नोट भी जब्त
आरोपित रितुराज शातिर है। उसने यशवंतर नगर में किराए पर कमरा लिया था। पुलिस की नजर से बचकर किराए के कमरे में जाली नोट प्रिंट करता था। हनुमानताल थाना प्रभारी धीरज राज की टीम को मौके पर प्रिंटर, लैपटाप, कुछ रंग, कागज सहित जाली नोट छापने के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री मिली है। कमरे में छापकर रखे गए पांच सौ रुपये के कुछ नकली नोट भी मिले है। इन नकली नोट और उसे तैयार करने की सामग्री को पुलिस ने बरामद के लिया है।

इसके साथ ही किराए के कमरे को सील कर दिया गया है। आरोपित यह सब कुछ इतना गुपचुप तरीके से कर रहा था कि आसपास के लोगों को भी कभी उसकी गतिविधि पर संदेह नहीं हुआ।

महीनों से चल रहा था खेल

पुलिस को आरंभिक जांच में पता चला है कि आरोपित रितुराज लगभग छह-सात माह से जाली नोट छाप रहा था। वह ऐसे लोगों को खोजता था तो कि जरूरतमंद हों और उसके छापे हुए जाली नोट को आसानी से बाजार में खपा सकें। इसके लिए वह कम पढ़ें-लिखे लोगों को शामिल करता था। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उनके गिरोह से और कौन जुड़ा हुआ था। इससे पहले उसने जाली नोट और कहां खपाएं हैं, उसके संबंध में भी जांच की जा रही है।

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