कन्नौज, संवाददाता : जिले में विशुनगढ़ मुठभेड़ में साथी की शहादत के बाद पुलिस ने जिले भर के हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली तैयार करनी शुरू कर दिया है। अशोक यादव उर्फ मुनुआ की ही तर्ज पर जिले भर के हिस्ट्रीशीटर अपराधी , उनके अपराध का तरीका क्या है, आर्थिक हैसियत कैसी है, जहां रहते हैं, वहां की गतिविधियां कैसी हैं। इन सभी बिंदुओं पर पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दिया है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार जिले भर में 725 हिस्ट्रीशीटरों की पहचान की गई है। अब सभी अपराधियो का रिकॉर्ड ढूंढा जा रहा है।
जिस मुनुआ यादव को हल्के में लेकर उसके घर में दबिश देने के दौरान चूक हुई। अब वैसी चूक न हो, इस पर कार्य शुरू हो गया है। शुरुआती तफ्तीश में यह बात सामने आ चुकी है कि पुलिस ने मुनुआ के आपराधिक इतिहास को गंभीरता से नहीं लिया। उसके यहां वारंट तामील कराने के दौरान सुरक्षा मानकों की भी अनदेखी की गई। नतीजा सबके सामने है। दरवाजे पर पहुंची पुलिस पर उसने ही हमला बोल दिया और उसकी गोली से एक सिपाही को जान गंवानी पड़ी। इस घटना से सबक लेते हुए पुलिस ने अब जिले भर के सभी हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली तैयार करनी शुरू कर दिया है।
अपराधियो की हैसियत पर भी पुलिस की निगाह
मुनुआ के आर्थिक साम्राज्य और रहने के तौरतरीके ने भी पुलिस को सोचने पर मजबूर किया है। उसने जिस तरह से घर को एक सुरक्षित किले के रूप में तब्दील कर रखा था, यह भी पुलिस के सामने नई चुनौती है। पुलिस अब हर हिस्ट्रीशीटर की आर्थिक हैसियत और जीवन यापन के तरीके के साथ ही आवास की संरचना की भी पड़ताल करने में जुट गई है। आपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित बदमाशों के नए बने मकानों पर भी नजर लगी है।
मुनुआ यादव कभी बदमाश कभी बाबा
पुलिस के लिए किरकिरी बना हिस्ट्रीशीटर मुनुआ हुलिया बदलने में माहिर है। वह कभी बाबा का रूप धारण कर लेता है, तो कभी दूसरे हुलिए में सामने आता है। वर्ष 2014 में जेल से छूटने के बाद हिस्ट्रीशटर मुनुआ ने पहचान छिपाने के लिए अलग-अलग लुक बदले। कभी डॉक्टर शेव में तो कभी साधू-सन्यासियों का रूप धरे रहता था। इसके अलावा भी उसे कई लुक में देखा गया। पिछले कुछ सालों से वह सफेद दाढ़ी और सफेद बालों में रह रहा था। एक सप्ताह पहले ही उसने दाढी और मूंछ साफ करा दी। मुठभेड़ के दौरान वह सिर्फ मुंछों में ही था। उसके बदले रूप को लेकर भी लोगों में खूब चर्चा है।
पुलिस के नोटिस जवाब की मोहलत आज खत्म
विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधीरपुर नगरिया गांव में 25 दिसंबर की शाम मुठभेड़ के बाद हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुनुआ की मुश्किलें लगातार बढ़ गई हैं। चार दिनों में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसके मकान को अपराध का अड्डा मानते हुए नोटिस भेज रखी है। उसे 30 दिसंबर तक जवाब देने का मौका दिया गया है। इसी के तहत शनिवार की शाम तक उसे अपना जवाब देना है। जवाब देने या न देने के आधार पर ही पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।
घर को गिराने की तैयारी
मुठभेड़ के बाद तीन दिनों तक राजस्व टीम और फॉरेंसिक टीम की अलग-अलग बिंदुओं से की गई पड़ताल के बाद पुलिस ने मुनुआ यादव के मकान को आपराधिक गतिविधियों का अड्डा मानते हुए तहसील प्रशासन के माध्यम से नोटिस जारी करवा रखा है। मेडिकल कॉलेज में भर्ती मुनुआ को नोटिस दी गई है। 30 दिसंबर तक जवाब देने के लिए कहा गया है। कहा जा रहा है कि उसके घर को गिराने की तैयारी चल रही है। उसके पहले के सभी कानूनी पहलुओं का अध्धयन किया जा रहा है ताकि आगे कोई अड़चन न हो।