ठाणे, एजेंसी : महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी और पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल, जबरन वसूली के मामले में ठाणे पुलिस ने उनके बयान दर्ज किए हैं। संजय पांडे बुधवार शाम को पुलिस के सामने पेश हुए थे।
बता दें कि पूर्व डीजीपी के अलावा 6 अन्य लोगों पर जबरन वसूली का आरोप है। पांडे करीब तीन घंटे तक क्राइम ब्रांच के दफ्तर में रहे। पुलिस अधिकारी ने इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी दी है। पूछताछ के बाद संजय पांडे को जाने दिया गया। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने पांडे को इसी वर्ष अक्टूबर में 3 जनवरी 2025 तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी।
क्या है प्रकरण ?
एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक, मुंबई के एक कारोबारी संजय पुनमिया ने जबरन वसूली की शिकायत की थी। उनकी शिकायत के बाद ठाणे पुलिस थाना में इसी साल 26 अगस्त मामला दर्ज किया गया था।
क्या है व्यापारी का दावा ?
संजय पुनमिया ने अपनी शिकायत में पूर्व डीजीपी के अतिरिक्त , पूर्व एसीपी सरदार पाटिल, इंस्पेक्टर मनोहर पाटिल, बिल्डर श्यामसुंदर अग्रवाल,अधिवक्ता शेखर जगताप, शुभम अग्रवाल और शरद अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है। व्यापारी ने अपनी शिकायत में कहा कि मई 2021 से 30 जून 2024 के बीच आरोपियों ने उनको काफी परेशान किया।
व्यापारी ने शिकायत में ये भी कहा कि आरोपी ठाणे सिटी पुलिस थाने में दर्ज 2016 के एक अपराध प्रकरण की जांच में अवैध रूप से शामिल थे। आरोपियों ने व्यापारी को झूठे प्रकरण में अकारण फंसाने की धमकी दी थी।
आरोपियों के खिलाफ कई केस दर्ज हैं, लोक सेवक का रूप धारण करना, आपराधिक साजिश और झूठे सबूत, जबरन वसूली, आपराधिक धमकी, झूठे बयान देना और न्याय में बाधा डालना, हमला, जालसाजी और जाली दस्तावेजों का प्रयोग करना शामिल हैं।
कौन हैं संजय पांडे ?
1986 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय पांडे विवादों में रहे हैं। जून 2022 में वो मुंबई पुलिस कमिश्नर के तौर पर रिटायर हुए थे। मनी लॉन्ड्रिंग केस में 2022 में ईडी उन्हें गिरफ्तार कर चुकी है। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।