नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क : जेद्दा में आयोजित इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी में दिल्ली के युवा खिलाड़ी प्रियांश आर्या को पंजाब किंग्स ने 3.80 करोड़ रुपये में खरीदकर सभी को हैरान कर दिया। 30 लाख रुपये के बेस प्राइज पर शुरू हुई बोली में प्रियांश को खरीदने के लिए दिल्ली कैपिटल्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स के बीच जोरदार मुकाबला हुआ। अंत में प्रीति जिंटा की टीम ने यह जीत हासिल किया।
पंजाब किंग्स में शामिल होने के बाद प्रियांश ने अपने पिता और कोच को फोन पर इस खुशी की खबर देते हुए कहा, मेरा सपना पूरा हो रहा है। अब मुझे भारत के लिए खेलना है। आईपीएल में पहली बार चुने जाने पर प्रियांश के परिवार में जश्न का माहौल है।
पिता ने बताई संघर्ष की कहानी
प्रियांश के पिता पवन कुमार ने मिडिया से बातचीत में कहा, प्रियांश हमेशा अनुशासन में रहकर क्रिकेट खेलता है। इतने बड़े प्राइज पर खरीदा जाना उसकी मेहनत और काबिलियत का प्रमाण है। प्रियांश के पिता पवन कुमार ने कहा कि प्रियांश ने दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) के पहले सत्र में ही अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। उस सीजन में साउथ दिल्ली सुपरस्टार्स की ओर से खेलते हुए प्रियांश ने 10 पारियों में 198.8 के स्ट्राइक रेट से 608 रन बनाए, जिसमें 43 छक्के शामिल थे। तब से उन्हें भविष्य का सिक्सर किंग्स कहा जा जा रहा था । हाल ही में प्रियांश ने सैय्यद मुश्ताक अली ट्राफी में उत्तर प्रदेश के विरुद्ध 43 गेंदो में 102 रनों की विस्फोटक पारी भी खेली थी। जिसमें 10 छक्के शामिल थे।
मनन के खिलाफ लगाए थे छह छक्के
प्रियांश ने मनन भारद्वाज के खिलाफ लगातार छह छक्के मारकर सुर्खियां बटोरी थीं। इसी प्रदर्शन के बाद प्रियांश ने दिल्ली अंडर-23 टीम में जगह बनाई। प्रियांश 7 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं और उनके मार्गदर्शक पूर्व क्रिकेटर और भारतीय टीम के मौजूदा मुख्य कोच गौतम गंभीर हैं।
पिता ने बताया, प्रियांश हमेशा से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) से खेलना चाहता था क्योंकि वह विराट कोहली के अग्रेशन और लगन का प्रशंसक है। वह उनसे बहुत कुछ सीखना चाहता है।
पिता ने बताया 2017 का दिलचस्प किस्सा
2017 का एक वाकया याद करते हुए उन्होंने बताया, जब प्रियांश 17 वर्ष का था तब उसे नार्थ जोन की तरफ से पुणे में अंडर-19 टूर्नामेंट खेलना था, लेकिन उसे पीलिया हो गया। 12 दिन बाद उसे मैच खेलना था। प्रियांश की इच्छाशक्ति ने उसे न सिर्फ खेलने दिया बल्कि उस टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन कर भारत की अंडर-19 टीम में भी चयनित किया गया।