नई दिल्ली वर्ल्ड डेस्क : राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हाल के भारत दौरे में हुए समझौतों ने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दोनों देशों की दृढ़ता को एक बार फिर साबित किया है। भारत और रूस के संबंध आपसी विश्वास पर आधारित हैं जो दशकों लंबे कालखंड में तमाम बार खरे साबित हुए हैं।
यह बात रूस के विदेश मंत्रालय ने 2025 के अंत में जारी वार्षिक बयान में कही है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन इसी महीने भारत-रूस मैत्री के तहत होने वाली 23 वीं वार्षिक शीर्ष बैठक के लिए नई दिल्ली आए थे। उसी दौरान दोनों देशों के बीच पांच वर्ष में आर्थिक सहयोग बढ़ाने की योजना पर समझौता हुआ है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने इसे पुतिन सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रदर्शित किया है। बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच हुए 28 समझौते द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती को प्रदर्शित करते हैं। इसमें दोनों देशों को व्यापारिक गतिविधियां बढ़ाकर 2030 तक 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य शामिल है।
बयान में चीन के साथ रूस के संबंधों का भी उल्लेख किया गया है। रूस ने चीन के साथ अपने व्यावहारिक संबंध बताए हैं जो बाहरी दबाव के बावजूद आगे बढ़ रहे हैं।
जबकि अमेरिका के साथ संबंधों पर रूस ने कहा है कि जनवरी में अमेरिकी सरकार के बदले जाने पर दोनों देशों के संबंधों में भी बदलाव आया। अब दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर वार्ता और विचारों का आदान-प्रदान हो रहा है। इससे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हुआ है।
