नई दिल्ली, एंटरटेनमेंट डेस्क : भूल भुलैया 3 का ‘छोटा पंडित’ अब जल्द ही बड़े पर्दे पर एक बार फिर से सबको हंसा-हंसाकर लोटपोट करने के लिए लौट रहे हैं। अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए मशहूर राजपाल यादव कार्तिक आर्यन के बाद अब जल्द ही पर्दे पर वरुण धवन के साथ एक बार फिर से जुगलबंदी करते हुए दिखाई देंगे। वह एटली के प्रोडक्शन में बनी एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘बेबी जॉन’ में हवलदार की भूमिका में नजर आएंगे। जागरण फिल्म फेस्टिवल के मौके पर उन्होंने अपनी आगामी फिल्म और निजी जीवन से जुड़े कुछ अनुभव शेयर किए।
सिनेमा में कॉमेडी को कितना महत्वपूर्ण मानते हैं ?
शरीर में नौ रस हैं। आठों रस अगर किसी के फैन हैं तो वो हास्य के हैं। हास्य प्रेम पैदा करता है, ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखता है। सांस लेने का बाद अगर कोई रस सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, तो वह हास्य ही है।
बड़े अभिनेताओं के साथ सीखने का क्या अनुभव है ?
मैं शुरुआत में नुक्कड़ नाटक खेलता था । अभिनय एक राह है। हर मोड़ पर बहुत अच्छे-अच्छे लोग मिले। कभी सलमान भाई के रूप में कभी शाह रुख भाई के रूप में, कभी बच्चन साहब के रूप में तो कभी अजय देवगन साहब के रूप में। सब लोगो के साथ बहुत कुछ सीखा क्योंकि अपने अंदर की राह को मैं बहुत प्यार करता हूं।
कुछ वक्त के लिए आपने राजनीति का भी रुख किया था ?
उसके पीछे का कारण ये था कि जंगल, जमीन, पर्यावरण, पहाड़ो के लिए भी कुछ करना चाहता था। नदियों के लिए काम करना चाहता था। मैंने इलेक्शन नहीं लड़ा था, बल्कि लोगों को लड़वाया था। पर 2020 में दादा पंडित देव प्रभाकर शास्त्री ने ब्रह्मलीन होने से पहले अभिनय पर फोकस करने का आदेश दे दिया।
अभिनेता न होते तो क्या होते ?
मैंने 1990 में निष्क्रिय भाव से राजनीति शुरू की थी क्योंकि अभिनय के बाद पसंदीदा सब्जेक्ट पॉलिटिक्स ही रहा है। अगर मैं अभिनेता नहीं होता तो पत्रकार या नेता होता, क्योंकि ये दोनों क्षेत्र भी अभिव्यक्ति वाले ही हैं।