नई दिल्ली, ब्यूरो : दिल्ली ब्लास्ट मामले में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। NIA समेत देशभर की सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के मास्टरमाइंड का नकाब उठाने की कोशिश में लगी है। इसी क्रम में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। बताया जा रहा है कि करीब आठ संदिग्धों ने चार स्थानों पर सिलसिलेवार धमाके (Serial Blasts) करने की साजिश रची थी।
सूत्रों के अनुसार, जिन स्थानों पर सीरियल ब्लास्ट की प्लानिंग थी, उनमें एक अयोध्या का राम मंदिर भी शामिल था।
4 स्थानों पर सीरियल ब्लास्ट की थी प्लानिंग
रिपोर्ट के मुताबिक, इन संदिग्धों ने चार अलग-अलग शहरों में जाकर हमला करने की योजना बनाई थी। हर ग्रुप में दो-दो सदस्य शामिल थे, यानी कुल चार ग्रुप बनाए गए थे। हर ग्रुप के पास कई आईईडी (Improvised Explosive Devices) रखे जाने थे। प्लानिंग के मुताबिक, सभी टीमें एक साथ चार शहरों में धमाके करने वाली थीं। सुरक्षा एजेंसियां अब इन संदिग्धों की गतिविधियों और नेटवर्क की जांच में जुटी हैं।
सूत्रों के मुताबिक, आतंकी विदेशी हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड रूट माध्यम से बात करते थे और यहीं पर इनको आदेश मिलते थे। अमोनियम नाइट्रेट, ऑक्साइड, फ्यूल ऑयल से जो ये विस्फोटक तैयार करते थे, इनको कोड वर्ड में लिखा करते थे। आतंकी डॉक्टर विस्फोटक को शिपमेंट और पैकेज लिखा करते थे। इनके फोन से ये कोड वर्ड बरामद हुए हैं।
सुरक्षा एजेंसी के हाथ डॉक्टर उमर और डॉक्टर मुजम्मिल की डायरी लगी है, जिससे अब दिल्ली धमाके के कई सवालों के जवाब मिलने की संभावना है। यह डायरी मंगलवार और बुधवार को अल फलाह यूनिवर्सिटी के कैंपस के अंदर डॉक्टर उमर के रूम नंबर 4 और मुजम्मिल के रूम नंबर 13 से मिली है।
इसके अलावा पुलिस को एक डायरी मुजम्मिल के उस कमरे से भी मिली है, जहां से पुलिस ने धौज में विस्फोटक सामग्री बरामद किया था और यह अल फलाह यूनिवर्सिटी से महज 500 मीटर की दूरी पर है। मिली डायरी और नोटबुक में कोड वर्ड्स का इस्तेमाल किया गया है, जिनका रेफरेंस 8 से 12 नवंबर के तौर पर भी आ रहा है। सूत्रों की मानें तो डायरी के अंदर ऑपरेशन शब्द का कई बार इस्तेमाल किया गया है।
