लंदन, एजेंसी : ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुधवार को बोले उनकी सरकार देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश करने वाली चरमपंथी गतिविधियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
हाउस आफ कामंस में ‘ ऋषि सुनक सवालों’ के जवाब में गुरुवार को संसद में पेश की जाने वाली चरमपंथ की एक नई परिभाषा की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि नई रणनीति स्वतंत्र अभिव्यक्ति को नहीं करेगी प्रभावित।
चरमपंथी गतिविधियों में लगातार वृद्धि हुई है- ऋषि सुनक
नए तरीको से उन समूहों या लोगों पर प्रतिबंध लगाने की उम्मीद है जो घृणा ,असहिष्णुता, या हिंसा पर आधारित विचारधारा को बढ़ावा देते हैं और स्पष्ट रूप से निर्धारित करते हैं कि ब्रिटिश सरकार किन समूहों और व्यक्तियों को समर्थन या फंड दे सकती है। सुनक ने कहा कि वास्तव में चरमपंथी गतिविधियों में लगातार वृद्धि हुई है जो हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर काबू करने की प्रयास कर रही है।
यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास इस खतरे से निपटने के लिए उपकरण हों। ऋषि सुनक बोले कि यह बिल्कुल निजी और शांतिपूर्ण मत रखने वालों को चुप कराने के बारे में नहीं है। न ही यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगी , जिसके कारण हम सदन की ओर से लगातार संरक्षित करने का प्रयास करते रहेंगे ।
‘मुस्लिम समाज के लिए खतरा है चरमपंथ की नई परिभाषा’
उल्लेखनीय है सुनक की यह टिप्पणी कैंटरबरी और यार्क के आर्कबिशप, जस्टिन वेल्बी और स्टीफन काटरेल के एक संयुक्त बयान के बाद आया हैं, जिसमें चेतावनी दी गई है कि चरमपंथ की नई विस्तारित परिभाषा देश के मुस्लिम समाज के लिए खतरा है।
ऋषि सुनक के दोनों ने बयान में कहा था कि प्रस्तावित नई परिभाषा न केवल अनजाने में बोलने की स्वतंत्रता को खतरे में डालती है, बल्कि पूजा और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार को भी खतरे में डालती है।