नई दिल्ली, संवाददाता : वर्ष 1989 के रुबिया सईद अपहरण प्रकरण में दो गवाहों से पूछताछ की गई। एक आरोपी अली मोहम्मद मीर की पहचान की गई। अली मोहम्मद मीर, जो यासीन मलिक के बाद अपहरण प्रकरण में मुख्य आरोपी है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई
आतंकी एवं अलगाववादी नेता यासीन मलिक और उसका सहयोगी रफीक पहलू रुबिया सईद के अपहरण प्रकरण में गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा जम्मू की विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए। सीबीआई की मुख्य अभियोजक मोनिका कोहली ने कहा कि अदालत में जांच किए गए दो चश्मदीदों ने प्रकरण में एक अन्य आरोपी अली मोहम्मद मीर की पहचान की गई है। इस प्रकरण में अगली सुनवाई की अगली तारीख 14 दिसंबर निर्धारित की गई है।
अधिवक्ता मोनिका ने कहा कि 1989 के रुबिया सईद अपहरण प्रकरण में दो गवाहों से पूछताछ की गई। उन्होंने एक आरोपी अली मोहम्मद मीर की पहचान की गई । अली मोहम्मद मीर, जो यासीन मलिक के बाद अपहरण प्रकरण में मुख्य आरोपी है। वह रुबिया सईद को अपने वाहन से श्रीनगर से सोपोर ले गया था और एक गेस्ट हाउस में बंधक बनाकर रखा था।
यासीन मलिक वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। यहां वह आतंकी वित्तपोषण प्रकरण में सजा काट रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के चलते उसे प्रत्यक्ष तौर पर अदालत में पेश नहीं किया गया। ऐसे में वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा यासीन मलिक को पेश किया गया।
रफीक पहलू श्रीनगर की सेंट्रल जेल में है बंद
कश्मीर घाटी में आतंकवादी तंत्र को पुनर्जीवित करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद रफीक पहलू श्रीनगर की सेंट्रल जेल में बंद है। प्रतिबंधित जेकेएलएफ और अलगाववादी गठबंधन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को पुनर्जीवित करने की साजिश से जुड़े प्रकरण में इसी वर्ष जुलाई में एक होटल से रफीक समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
1990 में श्रीनगर में आतंकवादी हमले में चार भारतीय वायु सेना के जवानों की हत्या से जुड़े प्रकरण में भी अदालत ने पहचान के लिए एक गवाह को बुलाया था, लेकिन वह अस्वस्थ होने के कारण पेश नहीं हो सका। इस प्रकरण में भी अगली सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। 1989 में रुबिया सईद के अपहरण मामले में मलिक, पहलू और आठ अन्य के खिलाफ अदालत ने 11 जनवरी 2021 को आरोप तय कर दिए थे।