नई दिल्ली- ब्यूरो : आपातकाल के 50 वर्ष पूरा होने के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग की है।
संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि आपातकाल के दौरान जब देश में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा था, संसद और न्यायालय दोनों पंगु थे, तब इन शब्दों को जोड़ा गया।
उनके अनुसार, बाबा भीमराव आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान की प्रस्तावना में ये शब्द शामिल नहीं थे। होसबाले गुरुवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के सहयोग से आयोजित ‘इमरजेंसी के 50 साल’ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इन शब्दों को हटाने पर दिया जोर
उन्होंने कहा कि समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्दों को हटाने के लिए चर्चा तो हुई, लेकिन उन्हें निकालने के प्रयास नहीं किए गए। यह विचार करने की आवश्यकता है कि क्या ये शब्द संविधान की प्रस्तावना में शाश्वत हो गए हैं।
उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में इन शब्दों के रखे जाने के पीछे के उद्देश्यों और उन्हें हटाने पर विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सरकार्यवाह ने कहा कि आपातकाल की कई बातें हैं, जिनकी समीक्षा होनी चाहिए।
राहुल गांधी पर साधा निशाना
इस दौरान दत्तात्रेय होसबाले ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और कहा कि आज जो लोग संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं, उन्होंने आपातकाल के बारे में भारत के लोगों से माफी नहीं मांगी है। कांग्रेस को माफी मांगनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक लोगों को जेल में डालने, 250 पत्रकारों को गिरफ्तार करने और 60 लाख लोगों को बंध्याकरण के लिए मजबूर करने वाले लोगों को देश से माफी मांगनी चाहिए।
सरकार्यवाह ने कहा कि आज जब हम आपातकाल के 50 वर्ष मना रहे हैं, तो यह विचार करना चाहिए कि आपातकाल के पीछे के कारण क्या थे। भविष्य में न्यायपालिका को पंगु नहीं होना चाहिए और शासन-प्रशासन को बेलगाम नहीं होना चाहिए। मीडिया और समाज संगठनों की भूमिका पर भी विचार किया जाना चाहिए।
उन्होंने 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान लोकतंत्र के 50 वर्ष पूरे होने पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा किए गए विमर्श का उल्लेख किया, जिसमें शिक्षा, प्रशासनिक पद्धति, न्यायालय की पद्धति, चुनाव में सुधार और विकास के मॉडल पर चर्चा की गई थी।
नितिन गडकरी ने साधा राहुल पर निशाना
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि बदलाव के वास्तविक मुद्दों को भूलकर केवल आपातकाल का जाप करना उचित नहीं है, बल्कि इसके कारणों की भी समीक्षा की जानी चाहिए और व्यवस्था में सुधार किया जाना चाहिए।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज जो लोग संविधान बदलने की बात कर रहे हैं, उन्हीं की इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल में संविधान की धज्जियां उड़ाने का कार्य किया था ।