कानपुर, संवाददाता : भूमाफिया निजी आराजी संख्या डालकर सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे थे। नौबस्ता पुलिस ने जमीन कब्जाने समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।
पिंटू सेंगर हत्याकांड के साढ़े चार साल बाद जेल में बंद दीनू उपाध्याय की मुसीबतें कम होने के नाम नहीं ले रही हैं। अब नौबस्ता के बूढ़पुर मछरिया निवासी बृजराज सिंह ने दीनू समेत 12 लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के सहारे सरकारी जमीन कब्जाने समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि दीनू उपाध्याय के सह पर क्षेत्र के भू माफिया ने केडीए की करोड़ाें रुपये कीमत की जमीन के एक भाग कब्जा कर लिया। शिकायत पर जानलेवा हमला कर अगवा करने का प्रयास किया।
विवादित जमीनों पर निजी आराजी डालकर की कब्जा
बृजराज सिंह ने बताया कि भूमाफियों द्वारा सरकारी जमीन पर अपनी निजी आराजी संख्या डालकर लगातार कब्जा किया जा रहा था। वर्ष 2021 में तत्कालीन एसडीएम सदर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूजा यादव ने केडीए को पत्र भेजकर जमीन के चिह्नांकन और सीमांकन तक किसी तरह के नए निर्माण न होने के आदेश दिए थे। इसके बावजूद भूमाफिया रामप्रताप सिंह, गोपाल सिंह, भानुप्रताप सिंह, शेरा सिंह, तारा सिंह, बेटे अधिवक्ता राहुल सिंह, दामाद अरिदमन सिंह, अधिवक्ता दीनू उपाध्याय ने साथियों सपा नेता अजमेरी सिद्दीकी, अफसार व नारायण भदौरिया के साथ मिलकर सरकारी व विवादित जमीनों पर निजी आराजी डालकर लगातार कब्जा कर रहे हैं।
क्षेत्रीय लोगों के विरोध करने पर दीनू उपाध्याय के सह पर जान से मारने की धमकी देते हुए रंगदारी वसूलते हैं। आराेपी वर्तमान में भी इन लोगों द्वारा राजा सिंह के गड्ढे के पास केडीए के स्वामित्व की आराजी संख्या 1113 पर कब्जा किया जा रहा है। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो पिछले साल जून माह में उनके ऊपर जानलेवा हमला कर कार से अगवा करने का प्रयास किया गया। शिकायत के बाद भी स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई। उनके आदेश पर नौबस्ता पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरु की है।
भू माफिया द्वारा की गई कई रजिस्ट्रियों को किया निरस्त
पीड़ित ने बताया कि भूमाफिया रामप्रताप सिंह के खिलाफ पूर्व में थाना नौबस्ता में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के मामले में 107/116 की कार्रवाई की गई है। उसके द्वारा बेची गई आराजी संख्या 1115 पर काबिज एक प्लाट को केडीए ने सील किया था। वहीं जुलाई 2024 में भूमाफिया परिवार द्वारा फर्जी कागजों द्वारा सरकारी भूमि पर की गई कई रजिस्ट्रियों के दाखिल खारिज भी सदर तहसीलदार द्वारा निरस्त किया गया है।