मेरठ, संवाददाता : मोदीपुरम के पल्लवपुरम फेज वन निवासी सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर के पल्हैड़ा स्थित एसबीआई के बैंक लॉकर से 20 लाख रुपये के जेवर चोरी हो गए। मंगलवार को रिटायर्ड बैंक मैनेजर जब बैंक से जेवर लेने पहुंचे तो मामला सामने आया। उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस बैंक कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। बैंक से 20 लाख के चोरी हुए गहनों ने बैंक की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गयी।
पल्लवपुरम फेज वन के बी 132 निवासी समीमुद्दीन खान ने कहा कि वह एसबीआई बैंक से रिटायर्ड है और वर्तमान में वेद इंटरनेशनल स्कूल में निदेशक प्रशासक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से उन्होंने पल्हैड़ा स्थित एसबीआई बैंक में लॉकर ले रखा था। सलीमुद्दीन खान ने कहा कि लॉकर में उन्होंने अपनी बेटी डॉ. नीलिमा, व पुत्रवधु के लगभग 20 लाख के सोने-चांदी के जेवर व एक हीरे की अंगूठी रखी थी।
समीमुद्दीन खान ने कहा कि 73 वर्ष की उम्र होने के चलते उन्हें आंखों से कम दिखाई देता है, जिस कारण जब भी वह लॉकर में कुछ सामान रखने जाते थे तो बैंक कर्मचारी को साथ लेकर जाते थे। मंगलवार को उनकी बेटी डॉ. नीलिमा ने गहनों की जरूरत बताई , जिसके बाद वह बेटी को लेकर बैंक पहुंचे। लॉकर रूम में पहुंचने के बाद उन्हें लॉकर खुला मिला और 20 लाख के जेवर लॉकर से गायब थे।
शाखा प्रबंधक नहीं दे सकी संतोषजनक जवाब
इस पर उन्होंने बैंक की शाखा प्रबंधक रश्मि को मौके पर बुलाया, लेकिन वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। समीमुद्दीन खान ने मामले की जानकारी पीआरवी को दी। मौके पर पहुंची पीआरवी व मोदीपुरम चौकी इंचार्ज ने घटना की जानकारी लेकर बैंक कर्मचारियों से पूछताछ किया । पूछताछ में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली। पीड़ित सलीमुद्दीन खान ने पल्लवपुरम थाने पहुंच कर पुलिस को सूचना देते हुए तहरीर दिया ।
वहीं, थाना प्रभारी मुन्नेश सिंह ने इस मामले की जानकारी से सीओ दौराला को सूचना से अवगत कराया, जिस पर सीओ दौराला ने पीड़ित सलीमुद्दीन से जानकारी लेने के लिए बुधवार को सीओ कार्यालय कंकरखेड़ा बुलाया है।
बैंक मैनेजर रश्मि का कहना है कि बैंक की इसमें कोई गलती नहीं है। खाता धारक व बैंक की चॉबी से ही लॉकर ऑपरेट होता है। उपभोक्ता के लॉकर रूम से बाहर आने के बाद लॉकर रूम का इंचार्ज अंदर जाकर सिर्फ यह जांच करता है कि कुछ नीचे तो नहीं गिरा या लॉकर खुला तो नहीं रहा। बताया कि अंतिम बार सलीमुद्दीन ने एक फरवरी 2022 को लॉकर ऑपरेट किया था। इसके बाद वह मंगलवार को पहुंचे।
शूचिता सिंह, सीओ दौराला ने कहा कि मामला संदिग्ध है। बुधवार को दोनों पक्षों को सीओ कार्यालय पर बुलाया गया है। शाखा प्रबंधक से भी बात हुई है। दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे।