जौनपुर, आर.एन.दुबे : बचपन से जवानी तक एक साथ रहना,कभी मनमुटाव या विवाद भी न हुआ हो, ब्यवसाय भी साझे में शुरू करने वाले ऐसे दो साथियों की दुर्घटना में हुई मौत के बाद जब शव अगल बगल चिता पर एक साथ रखकर मुखाग्नि दी गई तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें छलक पड़ी। उनकी जबान पर यही था कि भले ही वे आपस में चचेरे भाई थे, लेकिन दोनों इस रिस्ते से अधिक दोस्ती को तवज्जो देते रहे। चिर निद्रा में विलीन होने के बाद भी श्मशान पर भी वे एक दूसरे के साथ पड़े हुए हैं। यह वाक्या पिलकिछा गांव के दो बचपन के दोस्तों का है। जिनका घर से दिल्ली जाते समय गुरुवार को इटावा में कार डंपर की टक्कर में दर्दनाक मौत हो गई थी।
गांव निवासी शशिकांत यादव अपने चचेरे भाई व बचपन के मित्र रमाशंकर यादव तथा पत्नी अंजू पुत्र अंश और ओम तथा सिंगरामऊ थाना क्षेत्र के जमऊपट्टी गांव निवासी रिस्तेदार बृजेश यादव के साथ गुरुवार की भोर में निजी कार से दिल्ली जा रहे थे। इटावा में डंपर की चपेट में आने से दोनों दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। कार पर सवार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिनकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
दुर्घटना में दोनों की एक साथ मौत हो जाने की खबर आते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। दोनों बहुत ही मिलनसार और सीधे सादे प्रवृत्ति के होने के कारण पूरे गांव के लोग उन्हें सम्मान देते थे। घटना की जानकारी होते ही गांव का माहौल गमगीन हो गया। घर से एक साथ कंधे पर दोनों शव उठाए गए। जा इसे देख लोग अपने आशू नहीं रोक सके। मुखाग्नि भी दोनों को साथ साथ दी गई।