शांति बैठक के दौरान तालिबान के सामने गिड़गिड़ाता रहा पाकिस्तान

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नई दिल्ली ,डिजिटल डेस्क : तुर्किये के इस्तांबुल शहर में अफगानिस्तान के साथ चार दिन चली वार्ता विफल होने पर पाकिस्तान तिलमिला गया है। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान उसकी मांगों के आगे झुका नहीं तो वह गीदड़ भभकी देने लगा है। उसने तालिबान को नेस्तनाबूद करने की धमकी दी है।

हालांकि वार्ता के दौरान के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें पाकिस्तानी पक्ष बैठक में अपनी मांगों को मनवाने के लिए तालिबान की चिरौरी करता नजर आया, लेकिन बाहर निकलने पर उसके सुर बदल गए। वहीं बड़बोले पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यहां तक कह डाला है कि अगर अब कोई हमला हुआ तो तालिबान को वापस गुफाओं में भेज देंगे।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव दूर करने के लिए शनिवार से इस्तांबुल में वार्ता हो रही

तुर्किये की मेजबानी में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव दूर करने के लिए शनिवार से इस्तांबुल में वार्ता हो रही थी, लेकिन यह बेनतीजा रही। दोनों पक्षों ने वार्ता विफल होने के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। टोलो न्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के खिलाफ अफगान धरती के इस्तेमाल को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई और यह मांग की कि इस्लामाबाद अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन बंद करे और अफगान सीमा में अमेरिकी ड्रोन अभियान को रोके।

लेकिन पाकिस्तान ने इन मांगों को मानने से इन्कार कर दिया। इधर, बुधवार को पाकिस्तानी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्ला तरार ने वार्ता बेनतीजा रहने की पुष्टि की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि बातचीत में कोई व्यावहारिक समाधान नहीं मिला। जबकि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा ने एक्स पर एक पोस्ट में तालिबान को चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि तालिबान शासन को पूरी तरह खत्म करने और उन्हें वापस गुफाओं में भेजने के लिए पाकिस्तान को अपने पूरे शस्त्रागार के एक हिस्से का भी उपयोग नहीं करना पड़ेगा। अगर वे चाहते हैं तो तोरा बोरा में उनकी हार के ²श्यों को दोहराना निश्चित रूप से क्षेत्र के लोगों के लिए देखने लायक तमाशा होगी।’

तालिबान ने भी पाकिस्तान को चेताया

अफगान मीडिया एरियाना न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान उन मांगों को रखने के बाद वार्ता से पीछे हट गया, जिन्हें अफगान प्रतिनिधिमंडल ने अस्वीकार्य बताया। उसने उन सशस्त्र व्यक्तियों को वापस बुलाने और उन पर नियंत्रण की मांग शामिल थी, जो कथित तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ काम कर रहे थे। अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है। अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी ने कहा, ‘किसी भी हमले का निर्णायक जवाब दिया जाएगा, जो पाकिस्तान के लिए एक सबक होगा और दूसरों के लिए संदेश होगा।’

पाकिस्तान के हमले से भड़का था संघर्ष

दोनों पड़ोसी देशों के बीच इस महीने की शुरुआत में उस समय संघर्ष भड़क गया था, जब पाकिस्तान ने काबुल समेत कई स्थानों पर हवाई हमले किए थे। इन हमलों में पाकिस्तानी तालिबान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बड़े आतंकियों को निशाना बनाया गया था। इन हमलों को तालिबान ने अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया था। संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों समेत दोनों ओर के दर्जनों लोग मारे गए थे। इसके बाद कतर और तुर्किये की मध्यस्थता से दोनों के बीच अस्थायी संघर्ष विराम हुआ था।

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