कानपुर, संवाददाता : माध्यमिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियों के प्रकरण सामने आ रहे हैं। हर जांच को दबाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के कर्मचारी और अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। अब संयुक्त शिक्षा निदेशक के सामने स्वामी लीला शाह आदर्श सिंधी इंटर कॉलेज की आठ नियुक्तियों का प्रकरण सामने आया है। इन नियुक्तियों को लेकर पहले भी शिकायत होती रही है।
विद्यालय में जनवरी 2018 में आठ सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई। 16 फरवरी 2018 को तत्कालीन संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) ने अल्पसंख्यक विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति पर रोक लगा दिया । इसके बाद भी अभ्यर्थियों का चयन कर पत्रावलियों को जेडी कार्यालय भेजा गया।
नियमों के खिलाफ होने पर 18 फरवरी 2018 को जेडी कार्यालय से पत्रावलियां वापस भेज दी गईं। इस पर चयनित अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने प्रकरण की जांच की और नियुक्तियों को अमान्य बताया।
इस वजह से यह सभी पद मृत हो गए, जिनको पुनर्जीवित कर ही नियुक्ति की जा सकती थी। 2 अगस्त 2022 को पूर्व डीआईओएस मनोज कुमार ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को समाप्त कर दिया था। अब इस प्रकरण में वेतन जारी करने का मामला उठा है। जब नियुक्ति पहले रद्द हो गई, तो वेतन किस आधार पर जारी किया गया। इस बिंदु पर संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा से जांच की मांग की गई है।