Sawan 2023 : शिव भक्तों के स्वागत के लिए सज रहा काशी विश्वनाथ धाम

KASHI VISHVNATH-DHAM

वाराणसी,संवाददाता : चार जुलाई से शुरू होने वाले सावन मास में काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा-सुरक्षा, प्रवेश-निकास आदि पर विशेष नजर रखने की रणनीति बनाई जा रही है। हर वर्ष की तरह ही गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध व गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है।

रेड कारपेट पर होगा शिवभक्तों का स्वागत

देवाधिदेव महादेव के प्रिय मास सावन में काशी विश्वनाथ धाम आने वाले शिवभक्तों का स्वागत रेड कारपेट पर होगा। मंदिर के सभी प्रवेश द्वार पर भक्तों की अगवानी पुष्पवर्षा से होगी। दुनियाभर में बसे शिवभक्तों के सावन में काशी पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की अगवानी के लिए धाम परिसर को तैयार किया जा रहा है। धाम परिसर में धूप और बारिश से बचाव के लिए पहले ही जर्मन हैंगर लगाया गया है। इसके साथ ही जगह-जगह पीने के पानी, बैठने आदि की व्यवस्था को और दुरुस्त किया जा रहा है।

चार जुलाई से शुरू होने वाले सावन मास में काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा-सुरक्षा, प्रवेश-निकास आदि पर विशेष नजर रखने की रणनीति बनाई जा रही है। हर वर्ष की तरह ही गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध व गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है। जो जिस मार्ग से प्रवेश करेगा, दर्शन के बाद उसी मार्ग से निकलेगा। साउंड सिस्टम से लैस सुविधा केंद्र और सहायता केंद्र बनाए जाएंगे। अन्य शिव मंदिरों में भी सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा।

जून में प्रतिदिन औसतन एक लाख श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आ रहे हैं। शनिवार-रविवार व सोमवार को ये संख्या सवा लाख से डेढ़ लाख पहुंच जाती है। बारिश के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा। पिछले सावन में सोमवार के दिन श्रद्धालु संख्या छह लाख के पार तक पहुंच गई थी। उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ सकती है। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए कंट्रोल रूम से निगरानी की जाएगी।

गंगा द्वार से वीआईपी प्रवेश, नावों का बनेगा रूट

विश्वनाथ मंदिर में अब 40 फीसदी श्रद्धालु गंगा घाट की तरफ से मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए श्रद्धालुओं के लिए टेंट, मैटिंग, कूलर, पंखे और आरओ वाटर उपलब्ध कराया गया है। शहर की भीड़ से बचने के लिए सावन में वीआईपी के प्रवेश के लिए भी गंगा द्वार का ही उपयोग किया जाएगा। इसके लिए अस्सी और नमो घाट से नावों का रूट भी तैयार किया जाएगा।

27 जून को मंडलायुक्त की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक

मंदिर की व्यवस्थाओं और तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए 27 जून को मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें अब तक हुई तैयारियों की समीक्षा के साथ भक्तों के लिए किए जाने वाले इंतजामों पर चर्चा होगी। इसके बाद एक जुलाई से मंदिर में सावन की व्यवस्थाओं को प्रभावी कर दिया जाएगा।

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