नई दिल्ली,एंटरटेनमेंट डेस्क : लोग परिणाम के बारे में सोचकर कई बार अपने कदम आगे बढ़ाने से डरते हैं। वहीं बात करें अगर अभिनेत्री श्वेता त्रिपाठी की, तो वह केवल अपना काम करने में यकीन रखती हैं। फल या परिणाम के बारे में श्वेता बहुत ज्यादा नहीं सोचती हैं।
मिर्जापुर वेब सीरीज में गोलू की भूमिका निभाने वाली श्वेता बातचीत में कहती हैं कि हमारा काम लगातार आते रहता है, तो हम मार्केट में दिखते रहते हैं। हर एक प्रोजेक्ट की एक कहानी होती है।
हरामखोर फिल्म को रिलीज होने में तीन-चार साल लगे थे। वह मेरी पहली फिल्म थी, लेकिन मसान फिल्म पहले रिलीज हो गई थी। किसी भी प्रोजेक्ट की रिलीज हमारे हाथों में नहीं होती है। दर्शकों की उस पर क्या प्रतिक्रिया आएगी, वह भी हमारे हाथों में नहीं होता है।
हमारे हाथ में केवल मेहनत करना होता है। किरदार मिलता है, कहानी बताने को मिलता हैं, हमें बस उसमें ढलना होता है। लोगों को कहानी देखने में मजा आता है।
दर्शकों को कलाकार की मेहनत नहीं देखनी होती है। उन्हें स्क्रीन पर केवल किरदार दिखना चाहिए। परिणाम के बारे में सोचकर काम नहीं कर सकते हैं। जब किरदार निभाते हैं, तो हमें उसमें खुद को खर्च करना होता है।
लेकिन उसके बाद वर्तमान में आकर अपनी जिंदगी भी जीना होता है। सच कहूं, तो अभिनय हमें अलग तरह से जीना सिखाता है। हम जो है, उसके करीब लाता है।