मेरठ, संवाददाता : पांच लाख रुपये के इनामी मोस्ट वांटेड बदन सिंह बद्दाे ने रविवार को इंस्टाग्राम पर पोस्ट अपलोड करके एक बार फिर यूपी के पूर्व डीजीपी पर निशाना साधा है। बद्दो ने पोस्ट में लिखा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉन फिट्जगेराल्ड कैनेडी उर्फ जैक की हत्या का 60 वर्षो बाद भी खुलासा नहीं हुआ है। अगर यूपी के पूर्व डीजीपी और एसआईटी को ये जांच दी जाती तो वे इसमें मेरी साजिश बता देते। बद्दो ने पोस्ट के जरिए पूर्व डीजीपी पर टिप्पणी किया है।
मेरठ से हुआ था फरार
टीपीनगर के बेरीपुरा निवासी बदन सिंह बद्दो आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। पूर्वांचल की जेल से 28 मार्च 2019 को वह गाजियाबाद कोर्ट में पेशी पर आया था। पुलिसकर्मियों से साठगांठ कर वह मेरठ में दिल्ली रोड स्थित होटल में शराब पार्टी करने के बाद फरार हो गया था। इसके बाद से उसकी लोकेशन इंस्टाग्राम आदि की पोस्ट के जरिए विदेश में आ रही है। बद्दो की 10 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को पुलिस जब्त कर चुकी है।
बद्दो कई बार पूर्व डीजीपी बृजलाल के खिलाफ इंस्टाग्राम पर पोस्ट अपलोड कर चुका है। उसकी लोकेशन हर बार अलग-अलग आती है। पिछली बार बद्दो ने तीन जुलाई को पूर्व डीजीपी के खिलाफ इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था , जब उसकी लोकेशन फ्रांस की आई थी। इसके बाद बद्दो पर शासन की ओर से इनामी राशि बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई थी।
संजीव जीवा की हत्या में साजिश रचने का आरोपी
लखनऊ पुलिस ने कुछ महीने पहले बदन सिंह बद्दो को संजीव जीवा की हत्या में साजिश रचने का आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि बदन सिंह बद्दो ने नेपाल में 50 लाख रुपये सुपारी देकर जीवा की हत्या कराई थी। इस आरोप के बाद बद्दो ने 23 सितंबर को अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट अपलोड किया था । रविवार को फिर पोस्ट करके बद्दाे ने यूपी पुलिस को चुनौती दी है।
बदन सिंह बद्दो ने पोस्ट में कमेंट करते हुए लिखा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉन फिट्जगेराल्ड कैनेडी उर्फ जैक की 22 नवंबर 1963 को गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या को ली हार्वे ओसवाल्ड ने अंजाम दिया।
जेल जाने के कुछ घंटे बाद ही ली हार्वे ओसवाल्ड की भी जैक रूबी नाम के आदमी ने हत्या कर दी थी। हत्या के 60 वर्षो के बाद भी पता नहीं चला कि कैनेडी की हत्या किसने कराई थी। दुनिया की सारी बड़ी एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक हत्या माना तो कुछ ने कहा कि ये माफिया ने कराई। कुछ लोग कहते हैं कि दुश्मन देशों ने मिलकर ये हत्या कराई।