नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : सोमालिया में सूखे का कहर लगातार जारी है। लगातार चार मौसम से पर्याप्त बारिश ना होने और फंडिंग की कमी की वजह से यहां पर सुखाड़ का संकट और गहराता ही जा रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा कि सोमालिया में सूखे से करीब 46 लाख लोग प्रभावित हैं। यह संख्या सोमालिया की कुल आबादी का करीब एक चौथाई है।
संयुक्त राष्ट्र के साझेदारों ने बताया है कि सितंबर और दिसंबर के बीच कम से कम 120,000 लोग बेघर हुए हैं। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने सोमवार को जानकारी दी है कि सोमालिया में पानी की कीमतें बढ़ गई हैं, खाने की चीजें लगातार कम हो रही हैं, जानवर मर रहे हैं और रोजी-रोटी खत्म हो रही है।
शिक्षा पर बुरा असर
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि शिक्षा पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है और देश भर में 75,000 से ज्यादा छात्रों को स्कूल छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। दुजारिक ने कहा कि देश में जनवरी और मार्च के बीच आने वाले सूखे के मौसम से सूखे के हालात और खराब होने की उम्मीद है। इसकी वजह से पानी की कमी और जानवरों की मौत का खतरा बढ़ सकता है। इसका परिणाम यह होगा कि देश के कई हिस्सों में खाने की कमी और बढ़ सकती है।
अधिकारी पशुपालन और खेती से होने वाली रोजी-रोटी के खत्म होने और जान के नुकसान को रोकने के लिए तुरंत मदद की अपील कर रहे हैं। यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने चेतावनी दी है कि अगले चार महीने बहुत जरूरी होंगे, क्योंकि अप्रैल 2026 तक अगला बारिश का मौसम आने की उम्मीद नहीं है।
दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष ने नवंबर के आखिर में 10 मिलियन डॉलर की फंडिंग की थी, लेकिन अभी और मदद की तुरंत जरूरत है। यूएन ऑफिस फॉर द को-ऑर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स (ओसीएचए) ने कहा कि सूखे की इमरजेंसी दो मुख्य बारिश के मौसमों के खराब प्रदर्शन के बाद आई है। मदद के लिए फंड की कमी से यह और भी खराब हो गई है। इसकी वजह से सोमालिया की पहले से ही खराब मानवीय स्थिति और खराब हो गई है।
