नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री चाहते हैं कि टेस्ट क्रिकेट में संघर्ष कर रहे कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज विराट कोहली रणजी ट्रॉफी खेल कर यह साबित कर सकते हैं कि उनमें इस प्रारूप में सफल होने का जज्बा बरकरार है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद भारतीय टीम अपना अगला टेस्ट इस साल जून में खेलेगी, लेकिन शास्त्री का भी मानना है कि रोहित और कोहली को रणजी ट्रॉफी में खेलना चाहिए।
रवि शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू में बोले , ‘उनके खेल में अगर कोई कमी है तो उन लोगो को वापस जाना चाहिए और घरेलू क्रिकेट खेल कर सुधार करना चाहिए, जब आप इतने वर्षो तक टेस्ट मैच क्रिकेट खेलते हैं तो दो कारणों से घरेलू क्रिकेट खेलना महत्वपूर्ण है। एक तो आपको वर्तमान पीढ़ी के साथ तालमेल बनाना होता है और दूसरा आप युवा खिलाड़ियों को बेहतर बनाने में योगदान दे सकते हैं।
जुनून की आवश्यकता
उन्होंने कहा, स्पिनरों की मददगार पिचों पर भी इस टीम का रिकार्ड अच्छा नहीं है। प्रतिद्वंद्वी टीम में अगर अच्छा स्पिनर है तो वह आपको परेशान कर सकता है। भारतीय टेस्ट टीम के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर रवि शास्त्री बोले कि टीम में बने रहने के लिए जुनून और जज्बे की आवश्यकता होती है। विराट 36 वर्ष के है तो रोहित 38 वर्ष का है, दोनों को पता है कि उनमें खेल को लेकर कितना जुनून है।
ऐसा रहा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्रदर्शन
बता दें कि विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 टेस्ट मैच में 23.75 की औसत से 190 रन बनाए। इसमें पर्थ टेस्ट में खेली गई नाबाद 100 रन की पारी भी शामिल है। पर्थ टेस्ट के बाद अगले 4 टेस्ट मैच में विराट के बल्ले से मात्र 90 रन ही निकले। रोहित शर्मा की बात की जाए तो कप्तान ने इस सीरीज में कुल 31 रन ही बनाए हैं।
इस टेस्ट सीरीज में रोहित शर्मा के नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया। ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट सीरीज में भारत के किसी कप्तान ने सबसे कम 96 रन बनाए थे। यह रिकॉर्ड धोनी ने 2011 में बनाया था। अब यह रिकॉर्ड रोहित शर्मा के नाम रिकार्ड हो गया है।